– आरोपियों को चिन्हित कर रहा प्रशासन, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में अब होगी कार्रवाई
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रतलाम में सोशल मीडिया पर पोस्ट को लेकर हाट की चौकी का घेराव कर विवादित नारे लगाने का मामला भोपाल तक पहुंच गया है। सर तन से जुदा के नारे लगाने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- यह राजस्थान नहीं है, ना यहां कांग्रेस की सरकार है। यह मध्यप्रदेश है और ऐसे आतंकी नारे लगाने वालों को 24 घंटे में पता चल जाएगा। समझ जाएं, वरना क्या-क्या जुदा हो जाएगा उनको समझ नहीं आएगा। एफआईआर दर्ज हो गई है। अपराधी चिन्हित हो गए हैं, जल्दी पुलिस हिरासत में होंगे और जिन पर और अपराध हैं, उन पर एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि बुधवार रात सोशल मीडिया पर पोस्ट को लेकर मुस्लिम समाज ने दीनदयाल नगर की हाट की चौकी का बड़ी संख्या में घेराव कर विवादित नारे लगाए थे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मामले की गंभीरता पर मौके पर पहुंच समझाने की कोशिश भी की, लेकिन दोषी के खिलाफ एफआईआर और गिरफ्तारी की मांग के साथ सर तन से जुदा के विवादित नारे लगाए गए थे। इतना ही नहीं शासकीय वाहन पर खड़े होकर भाषणबाजी करना और आम रास्ता रोककर आवागमन भी दो घंटे से अधिक समय तक बाधित रखा गया था। एहतियात बतौर प्रदर्शनकारियों की मांग पर पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट सेंड करने वाली युवती के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर गुरुवार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। मामले में शुक्रवार को गृहमंत्री मिश्रा ने जिला और पुलिस प्रशासन को विवादित नारे लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दे दिए हैं। मीडिया से चर्चा के दौरान गृहमंत्री मिश्रा ने स्पष्ट रूप से चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे लोग समझ जाएं, वरना क्या-क्या जुदा होगा उनको समझ नहीं आएगा। प्रारंभिक तौर पर पुलिस ने प्रदर्शन कर नारेबाजी करने वालों के खिलाफ 188 में कार्रवाई की थी। अब मुख्यालय से गृहमंत्री के संकेत से स्पष्ट है कि जल्द ही विवादित नारे लगाने वालों को चिह्ंित कर उनके आपराधिक रिकॉर्ड के आधार पर सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी।
इंदौर की घटना में हुई कड़ी कार्रवाई
इंदौर में नाबालिग से रेप के आरोपी को सजा सुनाए जाने के मामले पर गृहमंत्री ने कहा- इंदौर देहात के हातोद थाने का यह मामला है। जैसा सबको मालूम है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जो कहती है वह करती है। धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम बनाया। पॉक्सो एक्ट भी इस मामले में लगाया है। आपके सामने यह जो सजा हुई है, इस सजा में धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम में 5 साल की सजा हुई, लेकिन अन्य धाराओं में 20 साल की पॉक्सो एक्ट सहित आरोपी मोहम्मद साबिर को न्यायालय ने दंडित किया है। 16 साल की बच्ची से गलत काम कर ब्लैकमेल करने का यह विषय है। 9 सितंबर 2020 की घटना है।