रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रतलाम कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी सख्त कार्यप्रणाली से लेकर आम लोगों की समस्याओं को हल करने में संवेदनशील रहते है। गत दिवस जब एक बालिका अपनी पीड़ा लेकर कलेक्टर के पास पहुंची तो उन्होंने सबसे पहले तो उसे ढांढस बंधाया। इतना ही नहीं कलेक्टर की संवेदनशीलता पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर तारीफ करते हुए लिखा है कि रतलाम कलेक्टर ने सुशासन की मिसाल कायम की।
दरअसल कलेक्ट्रेट कक्ष में बाजना क्षेत्र के ग्राम इमलीपाड़ाकला की आदिवासी बालिका मनीषा चरपोटा अपनी पीड़ा लेकर कलेक्टर के पास पहुंची। बालिका ने बताया कि उसके पिता दुर्घटना के कारण शहर के निजी नर्सिंग होम में भर्ती है, अभी तक काफी राशि उपचार पर खर्च हो चुकी है। अस्पताल को अभी 2 लाख रुपए और चाहिए। अब परिवार के पास पैसे नहीं है। अस्पताल वालों ने आईसीयू से भी उसके पिता को बाहर करके जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया है और 4 दिन से इलाज भी नहीं कर रहे हैं।
अधिकारियों को लेकर पहुंच गए अस्पताल
बालिका की पीड़ा को सुनकर कलेक्टर सूर्यवंशी ने ढांढस बंधाया, उसके सर पर हाथ रखा और फिर सीईओ जिला पंचायत जमुना भिड़े एवं सीएमएचओ डॉ. ननावरे को साथ लेकर अस्पताल में पहुंचे। बालिका के पिता मरीज भूरजी चरपोटा को देखा। अस्पताल प्रबंधन को सख्ती से निर्देशित किया कि भुरजी का पूर्ण उपचार किया जाए, उसकी प्रत्येक जरूरत का पूरा ख्याल रखा जाए। उसको किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आने पाए। कलेक्टर ने मरीज को वापस आईसीयू में भर्ती करवाया तथा अस्पताल प्रबंधन से कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान अन्य वर्गों के साथ-साथ आदिवासी समाज के लिए अत्यंत संवेदनशील है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मरीज के उपचार का पूरा खर्च शासन प्रशासन वहन करेगा।
25 हजार का दिया चेक
कलेक्टर से चर्चा एवं उनकी समझाईश पश्चात अस्पताल प्रबंधन ने भी आदिवासी परिवार से मरीज के उपचार की पेंडिंग राशि 2 लाख रुपए नहीं लेने का निर्णय लिया। इसके साथ ही कलेक्टर ने अन्य खर्चों के लिए बालिका को रेडक्रॉस से 25 हजार रुपए का चेक भी दिया। कलेक्टर ने बालिका मनीषा और साथ में मौजूद उसकी भाभी अमरीबाई से कहा कि भुरजी चरपोटा को हर आवश्यक उपचार दिलवाया जाएगा। यहां से भी आगे यदि किसी और अच्छे अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता होगी तो वह भी किया जाएगा। शासन-प्रशासन परिवार के दुख में आपके साथ खड़ा है। अस्पताल से जाते हुए कलेक्टर सूर्यवंशी ने बालिका मनीषा से कहा कि अब आगे जब भी कोई जरूरत हो, परेशानी हो, बता देना तत्काल परेशानी का हल कर दी जाएगी।