रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
दीपोत्सव बाद देवालयों में अन्नकूट महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। विभिन्न प्रकारों के पकवानों के भोग से देवालय महकनें के साथ भक्ति के रंग में डूब चुके हैं। शहर के प्राचीन साहू बावड़ी स्थित महाराज (श्री हनुमान मंदिर) पर विधि-विधान पूर्वक हर्षोल्लास से अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। मंहत मुन्नालाल के सान्निध्य में महोत्सव में महापौर प्रहलाद पटेल सहित बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया।


भक्त मंडल के अनिल बोराना ने बताया कि हनुमानजी को विभिन्न प्रकारों के 56 व्यंजनों का भोग लगाकर महाआरती की गई। महाआरती में शामिल बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने देवालय को जयश्री राम के घोष से गूंजा दिया। इसके बाद भक्तों को प्रसादी वितरण का दौर शुरू हुआ।
इस मौके पर एमआईसी मेंबर दिलीप गांधी, सुभाष जैन, राकेश मिश्रा सहित आदि भक्त बड़ी संख्या में मौजूद थे। माणकचौक स्थित गोपालजी का बड़ा मंदिर में विधि विधान पूर्वक भगवान को 56 भोग लगाकर महाआरती की गई। इसकेपूर्व भगवान का अभिषेक कर आकर्षक श्रृंगार भी किया गया। इसी प्रकार सैलाना रोड स्थित श्री राम मंदिर में भी अन्नकूट महोत्सव की भी धूम देखी गई।
क्या मान्यता है शास्त्रों में महोत्सव की
शास्त्रों के अनुसार दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पर्व मनाया जाता है। यह इसलिए मनाया जाता है क्योंकि श्री कृष्ण ने जब वृंदावनवासियों को इंद्रदेव के स्थान पर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की सलाह दी तो सभी ने उनकी बात मान ली। यह जानकर देवराज इंद्र क्रोधित हुए और उन्होंने मूसलधार बारिश शुरू कर दी। तब श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पपर उठाकर छाते सा तान दिया था। लगातार सात दिन और सात रात तक गांव वाले गोवर्धन पर्वत के नीचे बैठे रहे थे। तब से इंद्र को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने श्री कृष्ण से क्षमा मांंगी। इसके बाद प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पर्वत की पूजा कर अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है।