रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
मध्यप्रदेश के रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर नोट, हीरे जवाहरात व आभूषणों की सजावट से सज चुका है। दीपावली पर्व पर महालक्ष्मी जी के दर्शन के लिए सुबह से भक्तों का तांता लगा हुआ है। शहर के अलावा बाहर से भी भक्त दर्शन के लिए आ रहे है। दीपावली पर्व को लेकर बाजारों में अच्छी रौनक है।
हर बार कि तरह इस बार भी शहर के महालक्ष्मी मंदिर को रुपए व आभूषणों से सजाया गया है। कई भक्त सोने के नोट, चांदी की ईंट व अपनी तिजोरियां भी यहां रख कर गए है। पांच रुपये से लेकर पांच सौ रुपए के नोटों के वंदनवार से पूरे मंदिर परिसर को सजाया गया।
हालांकि इस बार मंदिर पर यह सजावट पांच दिन की नहीं रहेगी, कारण यह है कि दीपावली के दूसरे दिन सोमवार को सूर्यग्रहण है। सूर्यग्रहण के पहले सूतक लगने से सोमवार रात को ही मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे। जो कि अगले दिन सूर्यग्रहण के बाद खोले जाएंगे। मंदिर की सुरक्षा को लेकर ऑटोमेटिक रायफल से लैस जवान तैनात किए गए है। सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए है।
400 वर्ष पुराना मंदिर
पं. संजय पुजारी के अनुसार मंदिर की स्थापना के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। मगर कहा जाता है कि मंदिर की स्थापना 400 वर्ष पूर्व तत्कालीन रियासत के राजा रतनसिंह ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। शहर की स्थापना के दौरान ही इसका निर्माण किया गया था। किवदंतियों के अनुसार जब राजा पर धन का आर्थिक संकट गहराया तब उनको मां लक्ष्मी ने सपने में आकर अपनी प्रतिमा को तय स्थान पर स्थापित करने को कहा था। जिसके बाद रतलाम राज्य आर्थिक संकट से स्वतः ही बाहर आ गया। तब से अब तक मंदिर में आस्था रखने वाले यह मानते है कि यहां दर्शन मात्र से आर्थिक संकट दूर होते है। छोटी स्तर पर सजावट की शुरूआत हुई थी जो कि आज भव्य व बड़े स्तर पर होने के कारण यह मंदिर प्रदेश ही नही पूरे देश मे विश्व विख्यात हो चुका है।