रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। नेशनल फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन के महामंत्री डॉ. एम राघवैया ने हमेशा की तरह दोहराया कि रेलवे का निजीकरण किया तो ट्रेनें रोककर हड़ताल करेंगे।
वे मंगलवार को वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ की सीडब्ल्यूसी सेंट्रल वर्किंग कमेटी मीटिंग में शामिल होने आए। डीआरएम ऑफिस परिसर के ऑफिसर्स क्लब में पत्रकारवार्ता को संबोधित कर उन्होंने कहा कि कोरोना काल मे रेलकर्मियों ने कड़ी मेहनत की। 2020-21 में मालगाड़ियों का दिनरात परिचालन कर 1233 मिलियन मालभाड़े की ढुलाई की गई। यह सामान्य दिनों से भी अधिक है। 4335 एलएचबी कोच तैयार कर भारतीय रेल को दिए। इतना ही नहीं 22 प्रतिशत कम रेट पर चीन, जापान जैसे तकनीकी उन्नत देशों के स्टेंडर्ड के मुताबिक इन्हें तैयार किया।
कोरोना मृतों को दे 50 लाख रुपए
राघवैया ने कहा कि कोरोना काल में देशभर में 3000 रेलवे कर्मचारी मारे गए। रेलवे इन्हें 50 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए। अनुकंपा सहित अन्य कार्रवाई भी तेजी से किया जाए।
रेलवे फेडरेशन से चर्चा कर फैसले लागू किए जाए
रेलवे में निजीकरण के मुद्दे पर प्रखर राघवैया ने कहा कि रेल बचाने के लिए हम मरने को तैयार है। इसके लिए हड़ताल भी प्रमुख विकल्प रहेगा। भारतीय रेल अभी विफल नही हुई है। रेल मंत्रालय भारत सरकार जो भी प्रस्ताव हो उन्हें देशहित में लागू किया जाए। साथ ही पहले फेडरेशन से चर्चा की जाना चाहिए।
पत्रकारवार्ता में अध्यक्ष शरीफ खान पठान, कार्यकारी महामंत्री आरजी काबर, कार्यकारी अध्यक्ष अजय सिंह,मंडल मंत्री बीके गर्ग, मंडल अध्यक्ष रफीक मंसूरी, उपाध्यक्ष अतुल राठौर, संयुक्त मंडल मंत्री चंपालाल गढ़वानी, प्रवक्ता गौरव दुबे, सहायक मंडल मंत्री दीपक भारद्वाज व प्रताप गिरी, हिमांशु पेटारे, वाजिद खान, गौरव ठाकुर, राजेंद्र चौधरी, संजय कुमार, गौरव संत सहित अन्य मौजूद रहे ।
मीटिंग में उठाए मुद्दे
इससे पहले सीडब्ल्यूसी मीटिंग में अतिथियों ने कई मुद्दो पर चर्चा की। साथ ही 13 सुत्रीय मांगों के निदान को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की। राघवैया ने मीटिंग में संबोधित कर कर्मियों की कार्य परिस्थितियों पर सुधार, देशहित में रेलवे को निजीकरण से बचाने के लिए फेडरेशन की भविष्य की कार्ययोजना को पेश किया।