- 49 वार्डों से प्रतिदिन ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंच रहा औसतन 85 टन कचरा
रतलाम : स्वच्छ सर्वेक्षण की नई गाइडलाइन में अब नगर-निगम को घरों से निकलने वाले कचरे का वजन कराना होगा। निगमायुक्त सोमनाथ झारिया के निर्देश पर शुरुआत हो चुकी है। वाहनों के माध्यम से घर-घर से पृथर्क- पृथर्क एकत्र गीले-सूखे कचरे व सड़को व नाले-नालियों की सफाई के दौरान निकलने वाले कचरे का प्रतिदिन वजन कराने के जुलवानिया ट्रेचिंग ग्राउंड भेजा जा रहा है। शनिवार को गीला-सूखा कचरे का वजन 85 टन से अधिक तोला गया।
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…आखिर क्यों तोला जा रहा कचरे का वजन ?
केंद्र के स्वच्छ भारत अभियान में निरन्तर नए-नए प्रयोग जारी है। प्रदेश के नोडल अधिकारी नीलेश दुबे के मुताबिक निकायों द्वारा नई गाइडलाइन के मुताबिक कचरे का वजन कराने का प्रमुख उद्देश्य काम की तुलना में साधन और संशाधन जांचना है। आबादी के मान से वर्तमान में काफी कमियां है, इन्हें दूर करने के लिए देश के सभी शहरों में सफाई के लिए और क्या बेहतर किया जा सकता है, यह प्रक्रिया उसी के अंतर्गत है - ऐसे जाने किस वाहन में कितना कचरा
- शनिवार को ट्रेक्टर ट्रॉली से 44345, काम्पेक्टर से सूखा कचरा 21535, काम्पेक्टर से गीला कचरा 17675 व मैजीक वाहन से 1535 किलो इस तरह कुल 85090 किलो कचरा जुलवानिया ट्रेंचिंग ग्राउण पहुँचाया गया।
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