रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम भोपाल द्वारा रोटरी हॉल अजंता टॉकीज रोड पर हस्तशिल्प एवं हथकरघा मेला प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में देश के अलग अलग राज्यों के शिल्पिकारों के हाथों निर्मित सुंदर और कलात्मक सामग्री कई वैरायटियों में आपको मिलेगी।
प्रदर्शनी का शुभारंभ महापौर प्रहलाद पटेल व जिला पंचायत सीईओ जमुना भिड़े ने कर शिल्पिकारों की आकर्षक कलाओं को सराहा है। प्रदर्शनी में दार्जिलिंग की ज्योति राय जिस गुणवत्ता के वूलन वस्त्र लेकर आई हैं, वह अपने आप में बेमिसाल है। न्यूनतम तापमान में भी उनके वस्त्र गर्मी का एहसास कराने का सामर्थ रखते हैं।
ज्योति राय ने बताया कि दार्जिलिंग का तापमान देश के अन्य हिस्सों की तुलना में कम रहता है और वहां ऊँन ब्रांडेड कंपनियों द्वारा फर्निश्ड किया जाता है। फिर स्वयं सहायता समूह द्वारा बाजार की मांग के अनुरूप डिजाइन और वैरायटी तैयार की जाती है। पिछले 10 वर्षों से ज्योति राय देश के विभिन्न हिस्सों में अपने समूह द्वारा बनाए गए वूलन कपड़ों का विक्रय कर चुकी है। उनकी निर्माण की कला इतनी आकर्षक है कि यहां पहुंचने वाले ग्राहक उनके हाथों से तैयार किए गए इन ऊनी वस्त्रों को खरीदने के लिए तैयार हो जाते हैं। उनके पास शॉल, कान पट्टी, स्टॉल सहित कई ऐसी आयटम है जो भीतर की तरफ कॉटन कपड़ा लगाकर तैयार किए गए हैं। जिससे ठंड का बेहतर बचाव होता है।
बाजार से भी कम कीमत में खादी के वस्त्र
मेले में भोपाल से आए मोहम्मद आरिफ खादी के रेडीमेड शर्ट और कुर्तों के लिए पूरे भोपाल में विख्यात है। हथकरघा विकास निगम में उनके प्रोडक्ट विशेष रूप से पसंद किए जाते हैं। उनका मूल उद्देश्य खादी को बढ़ावा देना है और यही कारण है कि बाजार में जितनी कीमत में कपड़ा मिलता है उससे कम कीमत में तो आरिफ भाई शुद्ध खादी में कुर्ता, शर्ट और अन्य जेंट्स वस्त्र मेले में उपलब्ध करा रहे हैं। खादी की विशेषता बरसों पुरानी है और हर खादी पहनने वाला इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है की खादी ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज भी देश के अधिकांश लोग, राजनेता खादी पसंद करते हैं। यही कारण है कि मेले में आरिफ भाई के द्वारा तैयार किए गए वस्त्र युवाओं द्वारा खूब पसंद किए जा रहे हैं।
4 दिसम्बर तक चलेगा मेला
मेला प्रभारी दिलीप सोनी ने बताया हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम लगातार 16 वर्षों से यह प्रयास कर रहा है कि रतलाम में विभिन्न प्रकार की कलाओं को पसंद किए जाने वाले नागरिक है, ऐसे में रतलाम के कला प्रेमी दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक सजावट, स्वास्थ्य तथा फैशन के अनुरूप हाथ से निर्मित सामग्री का अवलोकन कर सकते हैं। जिसमें प्रदेशभर के शिल्पी हर ग्राहक की सेवा करने के लिए तत्पर है। 4 दिसंबर तक यह मेला चलेगा।