– आखिर जाने किस थाने का है हेड कांस्टेबल, पढ़े विस्तृत खबर
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। रतलाम जिला मुख्यालय का स्टेशन रोड थाना एक बार फिर सुर्खियां बंटोर रहा है। थाने के कार्यवाहक प्रधान आरक्षक ने झूठी शिकायत करवाकर अबकी बार सेंट्रल गवर्मेंट के कर्मचारी को ब्लैकमेल कर अवैध वसूली का खेल खेला। पूर्व की तरह कार्यवाहक प्रधान आरक्षक महेंद्र फतरोड़ अवैध वसूली के मामले में सफल रहा, लेकिन पीडि़त पर लगातार बनाए जा रहे दबाव के बाद शुक्रवार को एसपी अमित कुमार के पास मामले की शिकायत पहुंची है। पीडि़त व्यक्ति ने एसपी कुमार को घटनाक्रम बताने के साथ स्टेशन रोड थाने के कार्यवाहक प्रधान आरक्षक फतरोड़ और टीआई स्वराज डाबी की संदिग्धा पर भी सवाल खड़े किए हैं। शिकायत के बाद एसपी ने प्रधान आरक्षक महेंद्र फतरोड़ को लाइन अटैच कर दिया है। विभागीय जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सेंट्रल गवर्मेंट के 60 वर्षीय कर्मचारी मलीक खान (परिवर्तित नाम) ने रतलाम एसपी कुमार को शिकायत प्रस्तुत कर बताया कि नौकरी के अलावा समाज के बच्चों को कुरान शरीफ पढाते हैं। एक महिला ने उन्हें मोबाइल लगाकर अपने बच्चों को कुरान शरीफ पढ़ाने का निवेदन किया था। महिला के बच्चों को सेंटर पर कुरान शरीफ पढ़ाने के लिए वह बुलाने लगे थे। थोड़े दिन बाद उक्त महिला उनसे व्हाट्सएप पर चैटिंग (चर्चा) करने लगी थी। इसी दौरान उनके पास अनीस पिता बाबू खान का मोबाइल आया कि जिस महिला से चैटिंग हो रही है उसका पति शाहरूख और उसका भाई उसे ढूंढ रहे हैं। जब पीडि़त ने कारण पूछा तो कहा कि तुम उसकी पत्नी से व्हाट्सएप पर चर्चा करते हो। अनीस ने एक दिन पीडि़त को नेहरू स्टेडियम बुलाया। यहां पर पीडि़त से अनीस, शाहरूख और उसका भाई 5 लाख रुपए की अवैध मांग करने लगे। इस दौरान पीडि़त को सामाजिक और पारिवारिक रूप से बदनाम करने का डर दिखाकर ऑनलाइन 50 हजार रुपए ट्रांसफर भी करवा लिए गए।
15 दिन बाद पीडि़त के पास थाने से पहुंचा फोन
50 हजार रुपए वसूलने के बाद रतलाम स्टेशन रोड थाने के महिला डेस्क से पीडि़त के पास मोबाइल फोन पहुंचा। पीडि़त जब थाने पहुंचा तो वहां पर कार्यवाहक प्रधान आरक्षक महेंद्र फतरोड़ बैठा हुआ था। इस दौरान पुलिसकर्मी फतरोड़ ने पीडि़त से कहा कि तुम मुझे कुछ मत बोलो। मैंने टीआई साहब से बात कर रखी है। एक लाख रुपए मंगवा लो मैं सब सेटल कर दूंगा। उक्त पुलिसकर्मी ने पीडि़त को तीन घंटे थाने में डरा-धमका कर बैठाकर रखा। इसके बाद पीडि़त ने परिचित को फोन लगवाकर थाने में 50 हजार रुपए मंगवाए। इसके अलावा पुलिसकर्मी महेंद्र फतरोड़ ने पीडि़त से जबरन 3 लाख रुपए का चेक पर हस्ताक्षर करवाकर भी लिया। इस घटना के कुछ दिन बाद पीडि़त को वापस थाने बुलाया और महिला के परिजनों के सामने खड़ा करवाकर अवैध रूप से 5 लाख की अतिरिक्त डिमांड की जाने लगी।
शिकायत करने पहुंचा तो डराया
दोबारा थाने पर बुलाकर अवैध रूप से 5 लाख रुपए की डिमांड करने पर पीडि़त ने परिजन को घटना की जानकारी देकर रतलाम एसपी अमित कुमार से मिलने की हिम्मत जुटाई। पीडि़त एसपी कार्यालय मिलने पहुंचा तो वहां पर उसे एसपी कुमार के कक्ष के बाहर मिलाने वाले पुलिसकर्मियों ने बैठने के लिए कहा। करीब दो घंटे तक पीडि़त एसपी कुमार के कक्ष के बाहर बैठा रहा था। पीडि़त का आरोप है कि इस दौरान स्टेशन रोड थाना प्रभारी डाबी अचानक एसपी कुमार कक्ष के बाहर उसके पास आए और उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर मौके से भगा दिया था। शुक्रवार को पीडि़त दोबारा हिम्मत करके एसपी कुमार से मिलने पहुंचा और पूरा वाक्या सुनाया।
विभागीय जांच भी होगी
मामले की गंभीरता पर प्रधान आरक्षक महेंद्र फतरोड़ को लाइन अटैच कर दिया है। विभागीय जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। जिसकी भी संलिप्ता होगी उसकी भी जांच की जाएगी। – अमित कुमार, एसपी – रतलाम (मध्य प्रदेश)