– सहकर्मियों और अधिकारियों ने हाथ से छीनी जहर की डिब्बी, निगम में मचा हड़कंप
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। नगर निगम में बुधवार को प्रभारी कार्यालय अधीक्षक (ओएस) ने वेतन वृद्धि की राशि नहीं मिलने से नाराज होकर प्रभारी लेखापाल (एकाउंटेंट) के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जमीन पर बैठ नारेबाजी की, वहीं जहर की डिब्बी खोल उसे खाकर खुदकुशी की कोशिश की। मौके पर मौजूद सहकर्मी और अन्य अधिकारियों ने प्रभारी कार्यालय अधीक्षक गोपाल झारीवाल के हाथ से जहर की डिब्बी छिनकर उन्हें जल्द भुगतान का आश्वासन दिया। इसके बाद मामला शांत हुआ। प्रभारी कार्यालय अधीक्षक झारीवाल ने बताया कि वेतनमान वृद्धि के बाद उन्हें प्रभारी लेखापाल विजय बालोद्रा द्वारा दुर्भावनावश अधिकार का लाभ देने से पिछले दो माह से वंचित रखा जा रहा था।
बुधवार सुबह रोजमर्रा की तरह नगर निगम के अलग-अलग विभागों में कर्मचारी ड्यूटी पर आए हुए थे। इसी दौरान भवन के प्रथम तल पर नगर निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट के चेंबर के समीप प्रभारी कार्यालय अधीक्षक झारीवाल का कक्ष है और सामने प्रभारी लेखापाल बालोद्रा का कक्ष है। प्रभारी कार्यालय अधीक्षक झारीवाल अपने कक्ष से बाहर निकले और गलियारे में जमीन पर बैठ प्रभारी लेखापाल बालोद्रा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आक्रोश जताने लगे। प्रभारी कार्यालय अधीक्षक झारीवाल का आरोप है कि वह पदोन्नती के बाद उन्हें मिलने वाली वेतनमान वृद्धि पूर्व में प्राप्त हो रही थी। पिछले दो माह से उन्हें इस सुविधा से वंचित कर वेतन में कटोत्रा कर राशि दी जा रही थी। इसको लेकर वह पूर्व में निगम आयुक्त भट्ट सहित स्थापना शाखा प्रभारी और प्रभारी लेखापाल बालोद्रा को शिकायत कर चुके थे। अगस्त माह का वेतन में भी उन्हें वेतनमान वृद्धि का लाभ नहीं दिया गया। इससे वह आक्रोशित हुए थे।
निगम में मचा हडक़ंप, आमजन के साथ क्या होता होगा
सुनवाई नहीं होने का मामले में प्रभारी कार्यालय अधीक्षक झारीवाल द्वारा उठाए गए कदम के बाद निगम में हडक़ंप व्याप्त है। काफी शोर होने की आवाज होने पर रोजमर्रा के काम के लिए आने वाले लोग भी प्रथम तल पर पहुंचे। यहां पर जब उन्होंने प्रभारी कार्यालय अधीक्षक को विरोध प्रदर्शन करते हुए देखा तो आपस में चर्चा कि निगम में अधिकारी खुद परेशान हैं तो यहां पर आमजन के काम कैसे समय पर हो सकता है ? बता दें कि नगर निगम लचर कार्यप्रणाली के चलते और अधिकारियों के मनमानी से आमजन के रोजमर्रा के काम भी समय-सीमा में होना बंद हो गए हैं। इसकी अगर आमजन शिकायत भी करते हैं तो उन्हें टालकर चलता कर दिया जाता है।