रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
शहर की एक गृह निर्माण सहकारी समिति अध्यक्ष आशीष कुमार शर्मा एवं पूर्व अध्यक्ष शंकर सिंह राठौर के खिलाफ एक ही प्लॉट को 3 बार विक्रय के मामले में न्यायालय ने धोखाधड़ी के आरोप तय कर दिए हैं। उक्त निर्णय प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कृतिका सिंह द्वारा जारी किया है। उक्त आदेश न्यायालय ने पीड़ित आनन्द ब्रह्मभट्ट के साथ धोखाधड़ी किए जाने के संबंध में सुनाया हैं।
प्लॉट की धोखाधड़ी का शिकार हुए आनन्द ब्रह्मभट्ट की ओर से अधिवक्ता अमित कुमार पांचाल ने न्यायालय में परिवाद पेश किया था। अधिवक्ता पांचाल ने बताया कि रतलाम की मनीष मनीष गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित के पूर्व अध्यक्ष आरोपी शंकरसिंह राठौर व्दारा वर्ष-1994 में परिवादी आनन्द ब्रह्मभट्ट से 8 हजार रुपये लेकर उन्हें ग्राम बीरियाखेड़ी रतलाम के सर्वे क्रमांक 140/1 में निर्मित कॉलोनी का भूखण्ड क्रमांक 46 रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय किया गया था। उक्त विक्रय पत्र सम्पादित किए जाने के बाद इसी प्लॉट नम्बर 46 को पूर्व अध्यक्ष आरोपी राठौर ने वर्ष-1996 में प्रहलाद राठौर को 13 हजार रुपये में विक्रय कर दिया था।
इसके पश्चात उक्त गृह निर्माण सहकारी समिति के अध्यक्ष आरोपी आशीष कुमार शर्मा ने इसी प्लॉट नम्बर-46 को शब्बीर अहमद को 44 हजार रुपये लेकर विक्रय कर दिया था। शब्बीर अहमद व्दारा भी उक्त प्लाट गोविन्द प्रसाद अग्रवाल को 88 हजार रुपये में विक्रय कर दिया। इसके पश्चात उक्त प्लाट अन्य व्यक्तियों को विक्रय किया जाता रहा। न्यायाधीश के समक्ष आरोपी पूर्व अध्यक्ष शंकर सिंह व आशीष कुमार शर्मा व्दारा परिवादी का विस्तृत प्रतिपरीक्षण किया गया, लेकिन न्यायालय व्दारा प्रथमदृष्टया उक्त दोनों आरोपियों के विरुध्द धारा 420/34 भादंवि का अपराध पाने से उनके विरुध्द आरोप तय किए हैं।