रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
आदिवासी नेता कमलेश्वर डोडियार को जिलाबदर करने के विरोध में जयस की ओर से बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग व सदस्यों ने कलेक्टोरेट में प्रदर्शन किया। नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी गौरव तिवारी के नाम अलग अलग ज्ञापन सौपा गया। ज्ञापन सौंपने के बाद जयस की ओर से पांच सदस्यों ने कलेक्टर पुरुषोत्तम से भेंट कर अपनी मांग रखी।
जयस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता गुरुवार दोपहर रैली के रूप में हाथों में झंडे लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। जयस के केशुराम निनामा ने बताया कि सैलाना के राधाकुआं गांव के मूल निवासी कमलेश्वर डोडियार पर जिलाबदर की कार्रवाई न्यायसंगत नहीं है। कमलेश्वर का परिवार मजदूर वर्ग का है। संघर्षो के बाद कमलेश्वर ने दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत की है। कमलेश डोडियार ने छात्र जीवन से मजदूरों, गरीबों और आदिवासियों के लिए कार्य कर रहा है। ज्ञापन में यह भी कहा कि कमलेश्वर पर की गई जिलाबदर की कार्रवाई मप्र राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत भी गलत है, क्योंकि शेड्यूल्ड डिस्ट्रिक्ट एक्ट के तहत हस्तक्षेप की अनुमति नहीं है। बता दें कि इसके पूर्व करणीसेना प्रदेशाध्यक्ष जीवनसिंह शेरपुर के खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई के बाद आंदोलन की चेतावनी मिलने पर तत्कालीन जिला दंडाधिकारी गोपालचंद्र डाड ने आदेश को स्थगित किया था।
भू-माफियाओं और रसूखदारों को हो रही परेशानी
जयस के पदाधिकारियों और सदस्यों ने प्रशासन की कार्रवाई को गलत बताते हुए आरोप लगाया कि प्रशासन ने यह कार्रवाई भू-माफियाओं और रसूखदारों के खिलाफ आवाज उठाने पर की है। आदिवासियों की जमीनों पर जालसाजी पूर्वक कब्जा किया जा रहा है, जिसका विरोध करने पर कमलेश्वर को जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। भूमाफियाओं का विरोध और समाजहित में वह रैली, शांतिपूर्ण धरना, प्रदर्शन आदि करता है। कमलेश्वर पढा लिखा होने से निरक्षर लोगों की मदद कर रहा है। इसके कारण ही दुर्भावनावश आधा दर्जन झूठे प्रकरण दर्ज कराए गए। कलेक्टर से मुलाकात के दौरान जयस को 3 दिन में निराकरण का आश्वासन मिला है।