रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
राजस्व विभाग सीधे जनता से जुड़ा है, आम आदमी का काम सरलता से हो जाए उसे भटकना नहीं पडे। उसको अपना काम कराने के लिए जुगाड़ नहीं करना पड़े, किसी की सिफारिश नहीं लगानी पड़े। इस प्रकार का सुशासन राजस्व अधिकारी अपने दैनिक कार्यों में लाएं। यह निर्देश कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने राजस्व अधिकारियों की रविवार दोपहर आयोजित बैठक में दिए।
कलेक्टर पुरुषोत्तम ने बैठक में निर्देश दिए कि अब जिले में कोरोना वैक्सीन का प्रथम डोज ज्यादा से ज्यादा 15सितंबर तक पूर्ण कर लिया जाना है। इसके लिए एसडीएम सुनियोजित ढंग से कार्य योजना तैयार करें। सप्ताह में अपने अधीनस्थ सभी विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों को एक साथ प्रथम डोज के कार्य में लगा दिया जाएं। जावरा एसडीएम हिमांशु प्रजापति ने बताया कि सोमवार को 8000वैक्सीन एक साथ लगाकर जावरा शहर में प्रथम डोज लक्ष्य पूर्ण कर लिया जाएगा। रतलाम ग्रामीण में भी 4000वैक्सीन लगाए जाएंगे। कलेक्टर ने सैलाना, बाजना क्षेत्र में विशेष रणनीति बनाकर कार्य करने के निर्देश एसडीएम को दिए। सैलाना, बाजना क्षेत्र में अभी प्रथम डोज के 24000वैक्सीन लगना बाकी है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि हर गांव में एक जिम्मेदार व्यक्ति तैनात किया जाए जो गांव में टीकाकरण की विशेष रूप से मॉनिटरिंग करें।
तो राजस्व अधिकारी के रूप में कार्य करने का अधिकार नहीं
बैठक में कलेक्टर द्वारा राजस्व वसूली की समीक्षा की गई। रतलाम ग्रामीण, नामली, पिपलोदा तथा बिलपांक में वसूली कमजोर पाई गई। संबंधित तहसीलदार व नायब तहसीलदारों के प्रति सख्त नाराजगी व्यक्त की गई। कलेक्टर ने पिछले महीने के छुटे लक्ष्य को इस महीने में जोड़ने के निर्देश दिए। कार्य नहीं करने के कारण इस माह उन तहसीलदारों को वसूली के लिए दुगना कार्य करना पड़ेगा। इस तारतम्य में पिपलोदा तहसीलदार 10 लाख रुपए वसूल करेंगे तो जावरा 25 लाख एवं ताल तहसीलदार 8 लाख वसूल करेंगे। वसूली में खराब परफॉर्मेंस पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कलेक्टर द्वारा दिए गए लक्ष्य की वसूली तहसीलदार अगर नहीं कर पाता है तो उसे राजस्व अधिकारी के रूप में कार्य करने का अधिकार नहीं है।
गड़बड़ी पाई तो तहसीलदार जिम्मेदार
खनिज विभाग की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने तहसीलदार को निर्देश दिए कि खनन करने वाला व्यक्ति निर्धारित भू-सीमा से ज्यादा खनन नहीं करने पाए। तहसीलदार नियमित चेकिंग करें, गड़बड़ी पाए जाने पर तहसीलदार जिम्मेदार होगा। खनन स्थल पर सीमांकन चिन्ह होना आवश्यक है। खनिज अधिकारी से कहा कि नियमित निरीक्षण कार्रवाई करते रहें। कलेक्टर ने इस बिंदु पर चर्चा करते हुए तहसीलदारों से कहा कि उचित मूल्य राशन, खनन आदि बिंदुओं पर तहसीलदारों की नियमित रिपोर्ट प्राप्त होनी चाहिए। यदि उनके द्वारा कोई कार्यवाही रिपोर्ट प्राप्त नहीं होती तो मान लिया जाएगा कि आपके यहां सब अच्छा चल रहा है और यदि फिर शिकायत आती है तो तहसीलदार के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित रूप से की जाएगी।
शिकायत का बढ़ना मतलब काम नहीं होना
कलेक्टर ने बैठक में राजस्व अधिकारियो को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन को अत्यंत गंभीरता से ले। यदि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में आपके क्षेत्र की शिकायतें बढ़ती हैं तो यह माना जाएगा कि आपके द्वारा काम नहीं किया जा रहा है। समीक्षा में कलेक्टर ने पाया कि रतलाम ग्रामीण में 87, जावरा में 125, रतलाम शहर में 70 तथा आलोट में 96 राजस्व संबंधी शिकायतों का निराकरण लंबित है। कलेक्टर ने कहा कि राजस्व अधिकारी आम आदमी की समस्या निराकरण के लिए संवेदनशीलता से कार्य करें।
पटवारी की जिम्मेदारी तय करें
बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि राजस्व विभाग की शिकायतों के निराकरण के लिए पटवारी की जिम्मेदारी तय की जाए। पटवारी आवेदक के पास पहुंचे, उससे चर्चा करें। आवेदक की संतुष्टि होने पर शिकायत फोर्स क्लोज की जाए। बताया गया कि राजस्व विभाग की 100 दिवस से अधिक लंबित शिकायतों में रतलाम में 51, जावरा में 36, आलोट में 27, रतलाम ग्रामीण में 21 तथा ताल में 19 शिकायतें निराकरण से लंबित है। 31 अगस्त की स्थिति में राजस्व विभाग से संबंधित 189 शिकायतों को कलेक्टर ने चालू माह में शून्य की स्थिति में लाने के निर्देश दिए।
यह रहें मौजूद
बैठक में अपर कलेक्टर जमुना भिड़े, एसडीएम रतलाम ग्रामीण एमएल आर्य, जावरा एसडीएम हिमांशु प्रजापति, शहर एसडीएम अभिषेक गेहलोत, सैलाना एसडीएम कामिनी ठाकुर, आलोट एसडीएम राजेश शुक्ला, जिला आपूर्ति अधिकारी एसएच चौधरी, सीटी तहसीलदार गोपाल सोनी आदि उपस्थित थे।