रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रतलाम में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालात खराब है। इसकी बानगी बुधवार को जिला मुख्यालय के मातृत्व शिशु इकाई (एमसीएच) में देखने को मिली, जब एक गर्भवती महिला ने डॉक्टर के दुर्व्यवहार की शिकायत सीधे कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी को फोन लगाकर कर दी। जांच के लिए कलेक्टर ने तहसीलदार को भेज दिया तो स्वास्थ्य विभाग के अमले में हड़कंप मच गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) भी दौड़े-दौड़े पहुंचे और महिला डॉक्टर को अपने व्यवहार में सुधार लाने की चेतावनी दी।

दरअसल रावटी की दीपिका मालवीय सोनोग्राफी के लिए एमसीएच आई थी। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर प्रीति रायकवार ने पांचवे महीने में सोनोग्राफी की बात कहते हुए सोनोग्राफी करने से मना करते हुए कक्ष क्रमांक 3 में जाने की बात कही। तब महिला का कहना था कि अस्पताल की नर्स द्वारा ही सोनोग्राफी लिखी गई है। लेकिन डॉक्टर सोनोग्राफी के लिए तैयार नहीं थी। इस पूरे मामले में बातचीत का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। मामले की जानकारी कलेक्टर के पास पहुंचने के बाद मौके पर तहसीलदार मनोज चौहान को भेजा। अधिकारियों ने डॉक्टर सहित महिला के बयान लिए। बयान लेने के दौरान डॉक्टर रायकवार रोते हुए कहने लगी आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ। तहसीलदार मनोज चौहान ने बताया कि रावटी की महिला ने डॉक्टर प्रीति रायकवार की शिकायत की थी। बयान लेकर रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारी को सौंपी जाएगी।
सीएमएचओ पहुंचे, पूछा कोई राशि तो नहीं लेता
सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ननावरे को भी कलेक्टर ने डॉक्टर के इस बर्ताव को लेकर लताड़ लगाई। इसके बाद सीएमएचओ दल सहित एमसीएच पहुंचे। उन्होंने महिला से जानकारी ली। उन्हें भी महिला ने बताया कि महिला चिकित्सक डॉ. प्रीति रायकवार का व्यवहार अच्छा नहीं था। सही तरीके से बात ना करते हुए दुर्व्यवहार किया। सीएमएचओ ने डॉ. प्रीति रायकवार को सख्त लहजे में चेतावनी की किसी भी मरीज के साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए। आगे से इस प्रकार की कोई भी घटना संज्ञान में आती है तो कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल में आई हुई सभी महिलाओं से पूछा गया कि सोनोग्राफी के दौरान उनसे किसी प्रकार की कोई राशि ली गई अथवा नहीं। किसी भी महिला द्वारा राशि लिए जाने संबंधी कोई भी शिकायत नहीं की गई। सीएमएचओ ने प्रभारी सिविल सर्जन आरएमओ को जिला चिकित्सालय में व्यवस्था बनाने हेतु निर्देशित किया। वहीं डॉक्टर प्रीति रायकवार ने भी सीएमएचओ को बताया कि भीड़ काफी रहती है। एक साथ आकर जल्दी की जाती है। ऐसा मेरा कोई उद्देश्य नहीं था।