रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
मध्यप्रदेश के रतलाम में चल रही शिवमहापुराण के दूसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान को केवल तुम्हारा मन चाहिए, भगवान धन, सत्ता, वैभव से कभी नहीं रिझता। कुर्सी, सत्ता, धन, दौलत और सारी डिग्री सब यही धरी रह जाएगी। सत्ता के मोह को छोड़ अच्छे कर्म करो। कुर्सी, सत्ता का सदुपयोग वहीं है, जहां धर्म व संस्कार है। उन्होंने व्यास पीठ से मंदिर तोड़ने वालों को भी ललकारते हुए कहा कि मंदिर तोड़ना आसान है। लेकिन सनातनी के दिल मे जो मंदिर बन गया है उनको कैसे तोडेंगे। त्रेता युग में भी भगवान श्री राम की सेना जब जय श्री राम के नाम का उद्घोष करती थी तब राक्षस चिड़ते थे। त्रेता युग मे जब यह हाल है, तो आज तो फिर कलयुग है।
दूसरे दिन की कथा का शुभारंभ मुख्य आयोजनकर्ता कल्याणी रविन्द्र पाटीदार परिवार ने व्यास पीठ व शिवमहापुराण की पूजा अर्चना कर किया। इस दौरान विशेष रूप से ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना उपस्थित रहे तथा उन्होंने पं. श्री प्रदीप मिश्रा का स्वागत किया। पं. श्री मिश्रा ने घर के अंदर व मंदिर में अपने भगवान, देवता के पास समय बिताने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कहीं भी जाए या शाम को घर लौटे तो पहले भगवान के पास जरूर बैठे और कृतज्ञता व्यक्त करें कि दिनभर आपकी कृपा से अच्छा निकला। जनम, मरण एवं परण सभी भगवान के हाथ में है। मनुष्य की देह बहुत मुश्किल से मिलती है। आज जो जीवन हमें मिला है उसे व्यर्थ ना गवाएं। छोटे-छोटे बच्चों को संस्कारित कर राष्ट्रहित की सोच के साथ अपने सनातनी धर्म की ओर अग्रसर करें। कथा के तीसरे दिन 25 अप्रैल को भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय रतलाम आएंगे।
ध्यान रखें, झूठ कहा बोलना है…
पं. श्री मिश्रा ने कहा कि शिवमहापुराण में लिखा है कि झूठ बोलो लेकिन कहा बोलना है वहां दमदारी से बोलो। गौ माता की रक्षा के लिए, अपने देश व राष्ट्र उत्थान के लिए झूठ बोलो, न कि अपने माता-पिता से, शिष्य गुरु से, भक्त भगवान से। उन्हें जो बात है सत्य बता दो। क्योंकि मां ने तुम्हे 9 माह कोख में रखा है, पिता ने दिन-रात एक कर तुम्हे पढ़ाया लिखाया है, इसलिए उनसे किसी भी स्थिति में झूठ नहीं बोलना चाहिए।
मंदिर हम बनाते रहेंगे
पं. श्री मिश्रा ने राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ने की घटना को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि राजस्थान के काकाजी मंदिर तोड़ना सरल है। अब शरीर के माध्यम से भोगने के लिए तैयार हो जाओ। जिन्हें मंदिर तोड़ना है, वह तोड़ते रहे, हम बनाते रहेंगे। मंदिर तोड़ने वाले समझ लें कि हजारों लोगों के हृदय में जो शिव बैठे है, उनके मंदिर को कैसे तोडोंगे। शिव भक्ति का स्मरण करो, अनुमोदन करो, जिंदगी तर जाएगी।
यह भी कहा
- घर परिवार में बैठे तो शिव पुराण का मंथन करें। निश्चित रूप से भगवान शिव के प्रति घर एवं परिवार में आपकी आस्था ज्यादा जागृत होगी।
- नहाना और स्नान की व्याख्या करते हुए आपने कहा कि बाथरूम में साबुन लगाकर नहाना होता है लेकिन बिना मुंह धोए भगवान के दर्शन करना ही सबसे बड़ा स्नान है।
- घर में आपकी बहू आपको कितना ही ताने मारे, गालियां दे, समय पर भोजन न दे, दुर्व्यवहार करें कोई बात नहीं लेकिन आप अपनी बहू की 4 महिलाओं में तारीफ करना शुरू कर दें। एक माह में बहू की सोच अपनी सास के प्रति बदल जाएगी।
- पत्नी कभी भी अपने पति से और पति अपनी पत्नी से झूठ न बोले।
- भगवान भोले को चढ़ने वाला बिल्वपत्र को नदी तालाब में विसर्जन के बजाए सूखा ले और उसका पाउडर बना ले, इसके सेवन से रोग दूर रहेंगे। रतलाम के सभी मंदिरों में पूजा करने वाले ब्राह्मणजन से भी यह आव्हान किया।
- तुलसी के पौधे की सूखी जड़ को घिस ले, उसका जो लेप बनेगा, उसे जिस व्यक्ति को निमोनिया व स्वांस की बीमारी है, वे अपने कंठ पर लगा ले, उससे आराम मिलेगा।