रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
ब्राह्मण में विनय होना चाहिए। ब्रहम बनने का गुण होना चाहिए, तभी तो वह सर्व समाज का नेतृत्त्व कर पाएगा। ब्राह्मण विद्यार्थियों के ऊपर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। उनके माध्यम से सम्पूर्ण मानव समाज और विश्व मानवता का विस्तार कर आगे बढ़ाया जा सकता है। वास्तव में ब्राह्मण ही इस संसार में सर्व समाज का वास्तविक प्रवक्ता है।
उक्त उद्गार शिक्षाविद साहित्यकार डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला ने स्व. पं. हर्ष दशोत्तर की पुनीत स्मृति में सर्वब्राह्मण महासभा रतलाम द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में समाज को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण ऋषि संतान हैं। ब्राह्मणों को अपने गोत्र हमेशा याद रखना चाहिए। गोत्र याद रखने से हम गलतियों से दूर रहते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व उपसंचालक-अभियोजन कैलाश व्यास ने कहा कि जीवन में अनेक विपरीत परिस्थितियां आती है, पर हमें निराश नही होना चाहिए। क्योंकि विपरीत परिस्थितियाँ ही जीवन जीना सिखाती हैं। समाज के युवाओं को सफलता का संकल्प लेकर निरन्तर आगे बढ़ते रहना चाहिए और हमेशा अपने ही रिकार्ड तोड़ने का प्रयास करना चाहिए। सम्मान समारोह में कक्षा 10वी और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 105 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान स्व पं. हर्ष दशोत्तर की बेटी जिनल एवं नेहल दशोत्तर उपस्थित रही।
आरम्भ में सर्व ब्राह्मण महासभा अध्यक्ष डॉ. अरुण पुरोहित ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी सचिव पं नरेन्द्र जोशी और पं सूर्यनारायण उपाध्याय ने प्रस्तुत की। इस अवसर पर जिला महिला इकाई की अध्यक्ष सुनीता पाठक ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती, भगवान परशुराम व स्व. पं. हर्ष दशोत्तर के चित्रों पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
मंचस्थ अतिथियों का पुष्प मालाओं से स्वागत ओपी मिश्रा, अमर सारस्वत, अजय जोशी,विजय शर्मा, सतीश पुरोहित, प्रेम उपाध्याम, गोपाल शर्मा, वीरेन्द्र कुलकर्णी, प्रतिभा चांदनी वाला, प्रथमा कौशिक, आरती त्रिवेदी, पं. प्रकाश व्यास, देवेन्द्र शर्मा, सतीश जोशी, पं. एमएल उपाध्याय आदि ने किया। अतिथियों को डॉ. अरुण पुरोहित द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। कार्यक्रम का संचालन पं. नरेन्द्र त्रिवेदी व डॉ. मुनींद्र दुबे ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। कार्यक्रम के अंत मे सर्व ब्राह्मण महासभा की और से कोरोना काल में दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई।