चेतन्य मालवीय
सैलाना, वंदेमातरम् न्यूज।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 ने भाजपा की प्रचंड जीत के साथ वह सब कुछ सिखाया, जो जीवन में सभी के हिस्से में आती है। हम बात कर रहे हैं रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा के विजय प्रत्याशी कमलेश्वर डोडियार की। प्रदेश में एकमात्र निर्दलीय विधायक बने डोडियार की मां मजदूर है और पिता बीमार है। चंदा कर चुनाव लडऩे वाले सैलाना विधानसभा के सरवन क्षेत्र के एक छोटे से गांव के निवासी है। दिल्ली यूनिवर्सिटी में वकालत की पढ़ाई करने वाले निर्दलीय नवनिर्वाचित विधायक डोडियार ने परिणाम से सभी को चौंका दिया।
71 हजार 219 वोट के साथ जीत हासिल करने वाले डोडियार ने दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओ की राजनीति धराशायी करते हुए सैलाना क्षेत्र के प्रथम नागरिक बन गए हैं। छह वर्ष पूर्व दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर जय जोहार का नारा देने वाले शख्स डोडियार को कई बार जेल भी जाना पड़ा। यहां तक की डोडियार को राजनीति दाब-पेंच में भेरूगढ़ में भी जेल काटना पड़ी। फिर भी जिद के आगे जीत है को लक्ष्य बनाकर विधायक डोडियार ने आदिवासियों के हक की लड़ाई कम नहीं होने दी। सैलाना क्षेत्र में विधानसभा-2018 में पहली मर्तबा निर्दलीय चुनाव लड़ 18 हजार 800 वोट हासिल किए थे। इसके बाद वर्ष-2019 में रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट पर मैदान में उतरकर 14 हजार मत प्राप्त किए थे। वंदेमातरम् न्यूज से चर्चा के दौरान नवनिर्वाचित विधायक डोडियार ने बताया कि प्रदेश में भाजपा की सत्ता को उनका समर्थन रहेगा। उन्होंने आदिवासी भाइयों और बहनों की जीत बताने के साथ निरंतर कार्य में अग्रसर रहने की बात कही है।
100-100 रुपए जुटाकर लड़ा चुनाव
चुनाव में पैसा नही होने के बावजूद मतदाताओं ने नवनिर्वाचित प्रत्याशी डोडियार पर भरोसा जताते हुए 100-100 रुपए एकत्रित कर चुनाव में खड़ा किया। मतदान के बाद देनदारियां बकाया चुकाने के लिए आदिवासी परंपरा के अनुसार नोतरा किया। इस मर्तबा विधानसभा क्षेत्र की खास बात यह रही कि नवनिर्वाचित विधायक डोडियार ने कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने के साथ सत्ताधारी भाजपा की महिला प्रत्याशी को तीसरे नंबर पर धकेल कर क्षेत्र के सिरमोर बन गए है।