– झूठी भाभी की चालाकी बेनकाब, मासूम बना था शिकार, अब खुद जाएगी सलाखों में
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। जिला मुख्यालय पर एक महिला द्वारा दर्ज कराए झूठे दुष्कर्म केस की सच्चाई वंदेमातरम् न्यूज द्वारा सामने लाने के बाद पूरा मामला उलट गया है। कहानी है एक गरीब परिवार की, जहां पिता की मृत्यु के बाद मां मजदूरी कर अपने दो बेटों को पाल रही है। बड़े बेटे को झूठे दुष्कर्म केस में फंसा दिया गया, लेकिन मां और उनके बेटों ने हार नहीं मानी और अंततः नाबालिग के खिलाफ झूठी एफआईआर (FIR) कराने वाली महिला उसके पति और ससुर पर रतलाम पुलिस ने गंभीर धाराओं में एफआईआर (FIR) दर्ज की है।
बहुचर्चित मामले की शुरुआत हुई थी 17 अप्रैल 2025 को। रतलाम के महिला थाना में एक महिला ने 15 वर्षीय बालक के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। थाने के जिम्मेदारों पर नाबालिग की मां ने लेन-देन कर झूठा और नियम विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का गंभीर आरोप भी लगाया था। प्रकरण दर्ज कर महिला पुलिस की तत्परता कुछ ऐसी रही थी कि नाबालिग को गिरफ्तार कर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया था। न्याय की गुहार लगाने के बाद भी सुनवाई नहीं होने पर नाबालिग की परेशान मां ने सीनियर एडवोकेट अमित कुमार पांचाल को अपनी दुखभरी दास्तां सुनाई। सीनियर एडवोकेट अमित कुमार पांचाल ने मामले की गंभीरता को लेकर नियम विपरीत कानूनी कार्रवाई को लेकर उच्च स्तरीय शिकायत की और पुलिस विभाग में हड़कंप मचा। अंतत वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर रतलाम के महिला थाना ने झूठा और नियम विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला, उसके पति और ससुर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धाराएं 3, 4, 5, 6, 11, 12 और बीएनएस की धाराएं 351, 115(2), 3(5) के तहत केस दर्ज कर लिया है।
मासूमियत को ऐसे बनाया गया निशाना
झूठे प्रकरण का शिकार बना नाबालिग जो सैलाना बस स्टैंड पर एक दुकान में काम करता था। वह महिला के झांसे में आ गया, जिसे वह “भाभी” कहकर बुलाता था। पहले दोस्ती, फिर फोन पर अश्लील बातचीत और अंत में अकेले घर बुलाकर नाबालिग का शारीरिक शोषण कर महिला ने पूरी साजिश रच कर मासूम को फंसा लिया था। जब 15 वर्षीय बालक ने दूरी बनाने की कोशिश की तो महिला ने धमकाना शुरू किया और पति और ससुर के साथ मिलकर झूठा दुष्कर्म का केस दर्ज करवा दिया।
छोटे भाई की भूमिका भी रही अहम
घटना के दिन जब महिला ने बालक को रेलवे स्टेशन बुलाया तो वह घर के पास रहने वाले दोस्त से मोटरसाइकिल मांगकर वहां गया। वहां उसे फंसाने की कोशिश की गई लेकिन वह किसी तरह भाग निकला। महिला के परिजनों ने दोस्त को पकड़ लिया और उसके साथ भी मारपीट की। इस पूरे घटनाक्रम को छोटे भाई ने भी देखा और वह भी मां के साथ मिलकर पुलिस के पास गया।
मां की हिम्मत ने पलट दिया केस
बालक की मां ने सीनियर एडवोकेट अमित कुमार पांचाल की सहायता से बाल कल्याण समिति, महिला थाना, एसपी अमित कुमार, डीजीपी कैलाश मकवाना सहित किशोर न्यायालय बोर्ड को मामले में शिकायत कर आवेदन प्रस्तुत कर न्याय की गुहार लगाई थी। किशोर न्यायालय बोर्ड ने भी पुलिस द्वारा नियम विरुद्ध मुकदमा दर्ज के मामले को संज्ञान लेकर जांच करवाई थी।


