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Wednesday, December 4, 2024

आचार्य श्री का वचन रतलाम में करेंगे श्री कृष्ण कथा : चिंता नहीं चिंतन करो, समय की कद्र करों – ब्रह्मर्षि किरीट भाई

मंगल प्रवचन का समापन आज,  प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक होगी कथा

रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
मां सीता का चरित्र जीवन में आनंद व सुख ही नहीं ब्रह्मानंद की प्राप्ति कराता है। मानव को किस तरह से व्यवहार करना है उसका दर्शन भी सीता चरित्र करवाती है। अह्म ब्रम्हास्मि…, एक शब्द पूरे जीवन में परिवर्तन ला देता है। पशुओं को अपने स्वरूप का ज्ञान नहीं है, लेकिन मानव को है। मानव को जब स्वरूप का ज्ञान है तो उसे कहां तक जाना है। स्वयं आत्ममंथन करना चाहिए। 

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प्रो. सुषमा आरके कटारे को सम्मानित करते आचार्य श्री किरीट भाई।

उक्त विचार परम पूज्य आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाईजी ने व्यक्त किए। श्री तुलसी परिवार द्वारा आंबेडकर मांगलिक परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्री सीताजी चरित्र के मंगल प्रवचन के दौरान पांडाल में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद थे। मंगल प्रवचन के पूर्व दीप प्रज्ज्वलन प्रो. सुषमा आरके कटारे, कीर्ति व्यास ने किया। पोथी पूजन प्रेक्षा प्रतीक महाजन व अन्य ने किया। आचार्य श्री किरीट भाई का स्वागत पं. रामचंद्र शर्मा, प्रभु प्रेमी संघ अध्यक्ष हरीश सुरोलिया एवं संघ सदस्य,  गोपाल मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष मनोहर पोरवाल, पोरवाल महिला संघठन, लॉयंस क्लब महिला संगठन, प्रो. डॉ. सुरेश कटारिया, डॉ. मीना देव सिसोदिया, डॉ. माणिक डांगे, डॉ. मंगलेश्वरी जोशी, डॉ. सुनीता प्रदीप श्रीमाल, आरएन केरावत, सुभाष कुमावत आदि में किया। संचालन कैलाश व्यास ने किया। 
परम पूज्य आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाईजी ने राघव प्रति ध्यानम की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बोले कि भगवान ने यहां तक बताया गीता के आधार पर यात्रा करते-करते आप सो भी जाओ या बीच में ठहर भी जाओ तो आपकी यात्रा को पुनः शून्य से शुरू नहीं करना पड़ती है। इसलिए मां सीता में विहिन हो जाना ही लक्ष्य है। मानव का संसार जगत नहीं बल्कि जगदीश हैं। जीवन में आप दूसरों के लिए परोपकार करोगे तो मां सीता स्वयं आपका पालन करेंगी।

आचार्य ब्रह्मर्षि ने बताया कि एक बार नारदजी ने भगवान से प्रश्न किया था कि सद्कार्य क्या होता है? भगवान ने सुंदर जवाब नारद जी को दिया था दूसरे की भलाई का संकल्प लेना और उससे आभार की अपेक्षा तक नहीं रखना यह सद्कार्य का अर्थ है। भले ही आपके पास कुछ न हो लेकिन मीठी वाणी और आशीर्वाद सभी को दो। फिर देखों मां जगदम्बा स्वरूपा आपको पुण्य प्रदान कर जीवन और मृत्यु के लोक से मुक्ति प्रदान कैसे करती हैं। मंगल प्रवचन के दौरान वर्ष 22 पहले आचार्य श्री ने रतलाम में कथा की थी तब और वर्तमान का फोटो फोटोग्राफर लगन शर्मा द्वारा भेंट किया गया। तब आचार्य श्री ने फोटो के पीछे लिख वचन दिया कि अब 2045 में रतलाम में श्री कृष्ण कथा करूंगा। 
अंतिम समय में अफसोस नहीं रहना चाहिए
परम पूज्य आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाईजी ने व्यासपीठ से कहा कि आज का मानव मृत्यु के दौरान भी अफसोस करता है। यह अफसोस वह चार प्रमुख कारणों से करता है। पहला मैं यह कर सकता था लेकिन किया नहीं। दूसरा मैं जो चाहता था उसके मुताबिक जिंदा नहीं रहा, दूसरों की सोच पर निर्भर रहा। तीसरा मैंने फरियाद और शिकायत में समय गवां दिया और संबंध जोड़ने में देरी कर दी। चौथा मुझे यह करना था, वहां जाना था लेकिन गया और किया नहीं। 
जीवन के तीन महत्वपूर्ण सिद्धान्त ऐसे समझाएं
परम पूज्य आचार्य ब्रह्मर्षि किरीट भाईजी ने जीवन के मूल्यों को लेकर शास्त्रों के आधार पर तीन प्रमुख सिद्धांतों से भी रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि पहला सिद्धान्त सुद्धात्मक है। इसके अनुसार कम बोले और जो बोले उसे शास्त्रामक बोले यानी शास्त्रों आधारित बोले। तीसरा और अंतिम सिद्धान्त यह है कि हमेशा स्नेहात्मक ही बोले। आचार्य ब्रह्मर्षि ने बताया सतयुग में मंत्र की महत्ता थी। त्रेतायुग में यंत्र, द्वापर में तंत्र और कलयुग में षडयंत्र छाया हुआ है। कलयुग में मुक्ति पाने के लिए आप चिंता मत करो सिर्फ मां सीता का चिंतन करों। पालनहार मां आपकी चिंता कर आपकी रक्षा करेंगी। आचार्य श्री ने कहा कि कदापि चिंता न करों, चिंतन करों। चिंतन करोंगे तो मां सीता आपकी चिंता करेगी। जितना हो सके सादगी से जीवन जियो। मन को पवित्र करने के लिए प्रतिदिन 20 मिनिट कोई से भी शास्त्र पढ़ो। जो भी कर्म करों आनंद, प्रसन्नचित होकर करो। समय की कद्र करों। तुम चिन्ता मत करो। रोटी और लंगोटी सब कुछ भगवान देगा। 
वरमाला पहनाते ही गूंजा जय जय सीताराम
मंगल प्रवचन के अंत में राम सीता विवाह का प्रसंग आया। भगवान राम के साथ सीता माता व लक्ष्मण का जैसे ही पाण्डाल में आना हुआ जय जय सीताराम का उद्घोष होने लगा। व्यास गादी से आचार्य श्री किरीट भाई ने राम सीता व लक्ष्मण का फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया। सीता माता द्वारा भगवान राम को वरमाला पहनाई फिर राम भगवान ने, वैसे ही बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी…आई-आई बारात जनक नगरी… मंडप दिखाओ राम लक्ष्मण आए है…सीता राम…सीता राम… जय-जय सीता राम के भजन पर पूरा पाण्डाल राम सीता माता की जय जयकार करने लगा।
समापन आज, मंगल प्रवचन प्रातः 9 बजे से
श्री सीता माता चरित्र के मंगल प्रवचन का समापन आज 2 मार्च को होगा। अंतिम दिन मंगल प्रवचन के समय में बदलाव किया गया। मंगल प्रवचन प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक होंगे। कथा की पूर्णाहुति पर आचार्य श्री किरीट भाई जी के करकमलों से गुरु प्रसादी वितरित की जाएगी। मंगल प्रवचन के बाद गुरु दीक्षा दी जाएगी। जो भी महानुभाव गुरु दीक्षा ग्रहण करना चाहता है उन्हें पहले कथा स्थल परिसर में बने काउंटर पर पंजीयन कराना होगा। 

KK Sharma
KK Sharmahttp://www.vandematramnews.com
वर्ष - 2005 से निरंतर पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय। विगत 17 वर्ष में सहारा समय, अग्निबाण, सिंघम टाइम्स, नवभारत, राज एक्सप्रेस, दैनिक भास्कर, नईदुनिया (जागरण) सहित अन्य समाचार पत्र और पत्रिकाओं में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए वर्तमान में समाचार पोर्टल वंदेमातरम् न्यूज में संपादक की भूमिका का दायित्व। वर्तमान में रतलाम प्रेस क्लब में कार्यकारिणी सदस्य। Contact : +91-98270 82998 Email : kkant7382@gmail.com
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