रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
शहर के एक हाई प्रोफाइल झूठा दहेज प्रताड़ना मामले में 12 साल बाद पति सहित ससुराल के 8 अन्य लोगों को न्याय मिला है। खास बात यह है कि पूरे मामले में पूर्व एसपी डॉ. मयंक जैन की भूमिका संदिग्ध थी। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अमित कुमार पांचाल द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों एवं साक्ष्य के आधार पर प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति राठौर व्दारा ससुराल पक्ष के सभी आरोपियों को दोषमुक्त के आदेश जारी करते हुए न्याय पर मुहर लगाई।

नेहा गर्ग निवासी नई दिल्ली ने पति सूर्यदीप गर्ग सहित कुल आठ परिवारजनों के विरुद्द दहेज प्रताड़ना, मारपीट का आरोप लगाते हुए वर्ष-2010 में महिला थाना पर एफआईआर दर्ज करवाई थी। नेहा गर्ग ने 19 जुलाई 2010 को महिला थाना में लिखित शिकायत दी थी, जिसमें पति सहित ससुराल पक्ष के आठ व्यक्तियों के विरुध्द उसके नाम का फ़्लैट पति के नाम पर करने और मारपीट किए जाने सम्बन्धी आरोप लगाए गए थे। उक्त आवेदन पत्र देने की दिनांक को ही तत्कालीन महिला थाना प्रभारी लक्ष्मी सेतिया व्दारा तत्कालीन एसपी डॉ. जैन के इशारे पर एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोपी पति को उस समय रतलाम से गिरफ्तार किया गया था, जब वह दिल्ली हाइकोर्ट में पत्नी के खिलाफ लगाए गए मामले का नोटिस तामिल करवाने के लिए यहां आया था। इसके पश्चात मामले की जांच तत्कालीन डीएसपी अजाक देवेन्द्र सिंह राठौर व्दारा की गई और ससुराल पक्ष के विरुद्द चालान प्रस्तुत किया गया था। आरोपी पक्ष की ओर से अधिवक्ता अमित कुमार पांचाल ने मामले के विचारण के दौरान मय दस्तावेजों के यह बचाव लिया गया था कि फरियादी और सूर्यदीप की लव कम अरैंज मैरिज हुई थी और सूर्यदीप व्दारा स्वयं की आमदनी से प्रेमवश पत्नी के नाम से कई प्रापर्टी खरीदी थी। जिसमें से एक फ्लैट को हड़पने, सूर्यदीप का बच्चा उससे छीनने और किसी भी कीमत पर तलाक लेने की नियत से तत्कालीन एसपी डॉ. जैन के साथ फरियादी नेहा गर्ग, उसके मामा रवि गुप्ता (रूपायन स्टोर संचालक) व अन्य व्दारा पति व ससुरालवालों को झूठा फंसाने के लिए षडयंत्र किया था। पूरे मामले की सुनवाई और आरोपी पति सूर्यदीप पर अलग-अलग थानों में झूठे प्रकरण दर्ज कर फंसाने के न्यायालय के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। सभी साक्ष्यों के आधार पर प्रस्तुत तर्कों के आधार पर न्यायाधीश राठौर ने फैसले पर मुहर लगाई।
पूर्व एसपी डॉ.जैन की शुरू से थी संलिप्तता
महिला नेहा गर्ग ने पूर्व एसपी डॉ. जैन से सांठगांठ कर पहले पति व ससुरालवालों को दहेज प्रताड़ना के मामले में झूठा फंसाया। इस मामले में जमानत मिलने के बाद जब सूर्यदीप नईदिल्ली स्थित फ्लैट पहुंचा तब कब्जा छीनने की नियत से फरियादी के मामा रवि गुप्ता (रूपायन स्टोर संचालक) ने दिल्ली से फर्जी कॉल अपने मोबाइल पर करवाकर थाना स्टेशन रोड़ पर एक और झूठा मुकदमा सूर्यदीप के विरुध्द दर्ज कराया था। दोबारा उसे गिरफ्तार कर फ्लैट की चाबियां छीन ली गई और उस पर पत्नी और उसकी मां सुनीता गुप्ता का कब्जा कराया गया। इस मामले में जब सूर्यदीप जमानत पर रिहा हुआ तब पूर्व एसपी डॉ. जैन ने जेल के बाहर से ही एसपी स्क्वाड के माध्यम से सूर्यदीप का अपहरण करवाया और उसे जावरा औद्योगिक क्षेत्र थाना पर ले जाया गया जहां उस पर पत्नी और उसके परिजनों की मांगे मानने के लिए मारपीट कर दबाव डाला गया और जब उसके व्दारा मांग नहीं मानी गई तब उस पर अवैध रुप से पिस्टल और कारतूस रखने का फर्जी मामला बना कर उसे जावरा उपजेल भिजवाया गया था।