रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज़।
रतलाम जिले के गांव सुराणा में निवास कर रहे हिन्दू परिवारों के पलायन के मामले में कल हुई लेटलतीफी के बाद बुधवार सुबह प्रशासन के अमले ने ताबड़तोड़ सुराणा की तरफ रवानगी ली। इस मामले में कल रात तक किसी सक्षम अधिकारी के नहीं पहुंचने पर भोपाल से फटकार पड़ चुकी है। ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार सुबह इस मामले को संज्ञान में लेकर कहा की यह हमारी ग्यारंटी है। गांव के लोग भयभीत ना हो। में प्रशासन व एसपी से बात करूंगा। किसी को भय का माहौल नहीं बनाने दिया जाएगा।
इस घटनाक्रम ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। प्रदेश में हिन्दूओ के लिए संवेदनशील माने जाने वाली भाजपा की सरकार है। इस घटना के बाद सरकार पर प्रश्न उठ रहे है। वहीं मध्यप्रदेश की तुलना उत्तरप्रदेश से की जा रही है। बुधवार सुबह 11 बजे कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी गौरव तिवारी गांव सुराणा पहुंचे। जहां पहुंचकर उन्होंने गांव का निरिक्षण करते हुए ग्रामीणों से चर्चा शुरू की। चर्चा के दौरान ग्रामीणों ने जमकर आक्रोश जताया। एसपी गौरव तिवारी ने ग्रामीणों के सामने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों की सफाई दी। उन्होंने आरोपो से इनकार कर दिया। कलेक्टर कुमार ने गांव में चौकी और एक कमेटी के गठन की बात कही।
यह है मामला :
दरअसल गांव सुराणा के हिंदू रहवासियों ने गांव में रह रहे वर्ग विशेष लोगों से परेशान होकर तीन दिन में परिवार सहित गांव खाली करने की चेतावनी दी है। मंगलवार दोपहर में ग्रामीण जब समस्या लेकर एसपी गौरव तिवारी के पास पहुंचे तो सुनवाई नहीं हुई तो ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे और कलेक्टर के नाम ज्ञापन एसडीएम अभिषेक गेहलोत को सौंपकर गांव छोडकर अन्य दूसरी जगह बसने की लिए पट्टे की मांग की।
ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि गांव में हम लोग शांति सद्भाव से रहना चाहते है लेकिन आए दिन हिंदू युवाओं से गाली गलोच, व जान से मारने की धमकी व मारपीट की जाती है। पुलिस में जब शिकायत करते है तो उल्टा र्कारवाई कर दी जाती है। मंगलवार को रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना और भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह लुनेरा को सारी समस्या से अवगत कराया। लुनेरा द्वारा एसपी से चर्चा कर मिलने को कहा। जब हम लोग मिलने गए तो उन्होंने बात नहीं सुनते हुए उल्टे उन्हीं पर र्कारवाई करने की चेतावनी दे दी।
वहीं मंगलवार रात 9 बजे के लगभग गांव के हिन्दूओ ने अपने घरों के बाहर “यह घर बिकाऊ है”, “हम मुस्लिम समाज और प्रशासन से पीड़ित है” आदि लिख दिया। यह घटना देख सोशल मीडिया पर इस गांव की तुलना उत्तरप्रदेश के कैराना से की जाने लगी। गौरतलब है कि यूपी के कैराना में हिन्दूओ के पलायन का मामला ख़ूब सुर्खियो में रहा है। वहां भी पलायन कर रहे हिन्दूओ ने इसी तरह अपने घर के बाहर लिख कर घरों को छोड़ा था।