रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
रतलाम के न्यू रोड स्थित सर्वानंद बाजार नियम विपरित संचालित हो रहा है और जिम्मेदार कार्रवाई से परहेज किए हुए हैं। बात चाहे शासकीय भूमि पर ग्राहकों के वाहन खड़े कर रास्ता जाम करने का हो या फिर लापरवाही पूर्वक इस बाजार की लिफ्ट से गिरने पर युवक की मौैत का। सभी मामलों में जिम्मेदार अधिकारी खाना-पूर्ति कर व्यवहार बनाने में लगे हुए हैं।
मालूम हो कि तत्कालीन कलेक्टर बी. चंद्रशेखर और रुचिका चौहान के कार्यकाल में न्यू रोड स्थित सर्वानंद बाजार के भवन को लेकर कई अनियमित्ता सामने आई थी। स्वीकृत निर्माण नक्शे के विपरित न्यू रोड पर बनाए गए सर्वानंद बाजार में पार्किंग अंडरग्राउंड पर सिर्फ अधिकारियों को दिखाने के लिए बनाई गई है, जबकि इस पार्किंग को दुकान संचालक द्वारा माल गोदाम के रुप में उपयोग किया जा रहा है। ग्राहकों के वाहन बीच सड़क पर खड़े कर सरे राह नियमों को तोड़ बार-बार जाम की स्थिति निर्मित की जाती है। त्योहारी सीजन में यातायात विभाग की उदासीनता के चलते सर्वानंद बाजार के संचालक के हौंसले इतने बुलंद है कि वह अपने ग्राहकों के अलावा अन्य आमजन के वाहन खड़े नहीं कर विवाद निर्मित करता है। नगर निगम के जिम्मेदारों की सांठगांठ भी कम नहीं है। नियम विपरित बनाए गए निर्माण के बाद बार-बार लगने वाले जाम में वह भी कम दोषी नहीं है। इसके बाद भी जिम्मेदार वार्ड के इंजीनियर से लेकर आला अधिकारी कार्रवाई से परहेज किए हुए हैं। नगर निगम की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई से (सब्जी, फल एवं साज सज्जा के छुटकर) दुकान विक्रेताओं में आक्रोश हैं एक तरफ उन्हें फुटपात से हटाया जा रहा है और दूसरी तरफ सर्वानंद बाजार जैसे अन्य बड़े दुकानदारों को बचाया जाता है।
नियम तोड़ने से नहीं आता बाज
न्यूरोड स्थित सर्वानंद बाजार नियम तोड़कर हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। बात चाहे तत्कालीन कलेक्टर बी.चंद्रशेखर द्वारा सर्वानंद बाजार में पार्किंग नहीं होने पर ताला लगाने का हो या फिर कोरोना कर्फ्यू उल्लंघन का मामला। इतना ही नहीं लापरवाही पूर्वक लिफ्ट से युवक के गिरने के बाद स्टेशन रोड थाने पर मर्ग कायम कर कानूनी कार्रवाई में लिपापोती करने का। सभी मामलों में सर्वानंद बाजार का संचालक समाचार पत्रों की सुर्खियों में रहकर साबित कर चुका है कि वह नियमों को तोड़ने के साथ प्रशासन से बेखौफ रहेगा। चांदनीचौक सहित शहर के अन्य व्यस्तम बाजार में भले ही यातायात विभाग ने भवन स्वामियों के वाहन अन्यंत्र स्थापित करने की चेतावनी दी हो लेकिन सर्वानंद बाजार के बाहर शासकीय सड़क पर खड़े वाहनों को जब्त करने के अलावा सर्वानंद बाजार संचालक के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर कई सवाल खड़े कर दिए।