– कार्यक्रम में मंत्री काश्यप ने महापौर पटेल और गोसेवकों का किया सम्मान
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। ग्राम सागोद गोशाला में गोवर्धन पर्व पर जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसर पर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप द्वारा मंत्रोच्चार के साथ गोवर्धन पूजा की गई। मंत्री काश्यप ने गो पूजन करते हुए उनको भोजन कराया। इस दौरान महापौर प्रहलाद पटेल और गो सेवकों का सम्मान भी किया गया।
कैबिनेट मंत्री काश्यप ने दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार, संस्कार और संस्कृति के साथ चल रही है। गोवर्धन पूजा का आयोजन प्राचीन काल से हमारे संस्कारों में सम्मिलित है। यहां हमारे परिवारों की परंपरागत शैली रही है। मुख्यमंत्री द्वारा आज गोवर्धन पूजा तथा गोपूजा की गई है। इस दौरान समर्पण के साथ गोसेवा करने पर मंत्री काश्यप द्वारा कार्यक्रम में महापौर पटेल का सम्मान शॉल श्रीफल से किया। महापौर पटेल की गोसेवा की सराहना की गई। इस अवसर पर श्री कृष्णा कामधेनु गोशाला के गोपालक सुदामा जी, कालूराम पटेल, ईश्वरलाल धबाई, कैलाश खदेड़ा तथा मांगीलाल चौहान का भी सम्मान किया गया। मंत्री काश्यप ने बताया कि रतलाम नगर निगम के माध्यम से सागोद गोशाला में एक हजार गोवंश रखने के लक्ष्य के साथ गोशाला का विस्तार किया जा रहा है। शासन द्वारा प्रदेश में गोशालाओं को उन्नत करने के साथ ज्यादा संख्या में गोवंश रखने का कार्य किया जा रहा है। उनके प्रभार के भोपाल जिले में पांच हजार गोवंश क्षमता की गोशाला तैयार की जा रही है। कार्यक्रम में महापौर प्रहलाद पटेल, निगम अध्यक्ष मनीषा शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष बजरंग पुरोहित, जिला महामंत्री निर्मल कटारिया, जिला कार्यालय मंत्री मनोज शर्मा, मंडल अध्यक्ष मयूर पुरोहित, निलेश गांधी, एमआईसी सदस्य भगत सिंह भदोरिया, पार्षद रणजीत टांक, भाजपा नेता प्रवीण सोनी, निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट आदि मौजूद थे। इस अवसर पर मंत्री काश्यप को भी स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
गोशाला में लगभग एक हजार गोवंश का है लक्ष्य
महापौर पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नवाचार करते हुए नई दिशा दी है, जिससे प्रदेशव्यापी गो पूजन तथा गोवर्धन पूजा आयोजन हो रहे हैं। आज हम गोमाता का आशीर्वाद ले रहे हैं। उन्होंने सागोद गोशाला संचालन के बारे में विस्तृत रूप से अवगत कराया कि मंत्री काश्यप की पहल पर गोशाला का विस्तार अतिरिक्त रूप से 30 से 50 हेक्टेयर भूमि में किया जा रहा है, जिससे गोवंश रखने की क्षमता में अपेक्षा अनुरूप वृद्धि होगी। गोशाला में लगभग एक हजार गोवंश का लक्ष्य है।