नई दिल्ली, वंदेमातरम् न्यूज।
25 दिसम्बर यानी आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन है। भारत रत्न अटलजी एक राजनेता होने के साथ-साथ हिंदी कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता भी थे। वंदेमातरम् न्यूज आज अटल सफरनामा पाठकों तक पहुंचा रहा है, जिसमें ऐसी शख्सियत से जुडी घटना और पल हैं, जिन्हें आप जीवन में धारण कर सकते हैं।
स्वतंत्रता आंदोलन में क्या योगदान था?
ब्रिटिश शासन का विरोध करने के चलते वाजपेयी को किशोरावस्था में कुछ समय के लिए जेल भेजा गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और जनसंघ से जुड़ने से पहले वाजपेयी कुछ समय तक साम्यवाद के संपर्क में भी आए और बाद में दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़ाव हो गया।
वाजपेयी के प्रमुख कविताएं ?
मेरी इक्यावन कविताएं अटल बिहारी वाजपेयी के प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है। रग-रग हिंदू मेरा परिचय, मृत्यु या हत्या, अमर बलिदान (लोकसभा में वाजपेयी के वक्तव्यों का संग्रह), संसद में तीन दशक, अमर आग है आदि उनकी प्रमुख रचनाओं में शामिल हैं।
अटल बिहारी को मिले पुरस्कार मिले
– वाजपेयी को 1992 में पद्म विभूषण।
– 1993 में कानपुर विश्वविद्यालय से डीलिट की उपाधि मिली थी।
– 1994 में वाजपेयी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार।
– 1994 में श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार और भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार से नवाजा गया।
– 2015 में मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय जिया लाल बैरवा (देवली) से डी लिट की उपाधि मिली।
– बांग्लादेश सरकार की तरफ से ‘फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वॉर अवॉर्ड’।
– भारत सरकार की ओर से देश के सबसे बड़े पुरस्कार भारतरत्न से सम्मानित किया गया।
अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु कैसे हुई?
अटल बिहारी वाजपेयी को साल 2009 में एक दौरा पड़ा था। इसके बाद वो बोलने में काफी हद तक अक्षम हो गए थे। 11 जून 2018 में किडनी में संक्रमण और कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था, जहां 16 अगस्त 2018 को उनकी मृत्यु हो गई।