रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
दशहरे पर रावण दहन इस बार भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। पर्व के उत्साह और उमंग को परिवार के साथ आए लोगों को रावण दहन में मनोरंजन की बजाए अव्यवस्थाओं का शिकार होना पड़ा। नेहरू स्टेडियम में हजारों की संख्या में पहुंचे नागरिकों को निराशा हाथ लगी। रामजी की सवारी आ गई लेकिन समय पर नेता नहीं पहुंचे उनका इंतजार करना पड़ा। जब नेता आ गए तो रावण का पुतला जलाने में पसीना आ गया। नेहरू स्टेडियम में रावण की झुकी गर्दन ने लोगों को फिल्म पुष्पा की याद दिलाई तो दूसरी तरफ बरबड़ में आयोजित दहन से पहले खड़ा किया रावण को देख नेपाली-नेपाली की आवाज परिसर में गूंजी।
रावण दहन का मुख्य आयोजन नगर निगम द्वारा नेहरू स्टेडियम में किया गया। रंग बिरंगी आतिशबाजी के नाम पर केवल खानापूर्ति देखी गई। रात पौने दस बजे के करीब रामजी की सवारी पहुंची। स्वागत सत्कार के बाद रामजी ओर हनुमान जी को विधायक चेतन्य काश्यप व महापौर प्रहलाद पटेल का इंतजार करना पड़ा। दोनों के आने के बाद रामजी आगे बढे। पहले उन्होंने रॉकेट में माचिस की तीली लगाई। लेकिन रॉकेट रावण के पुतले तक नहीं पहुंच पाया। दूसरी बार फिर कोशिश की। लेकिन रॉकेट उसी जगह जल कर खत्म हो गया। फिर तीर कमान चलाया। लेकिन पुतले ने आग नहीं पकड़ी। वहां मौजूद रावण बनाने वाले कर्मचारियों ने रावण के पैर में आग लगाई। लेकिन आग नहीं पकड़ पाया। इधर लोगों का गुस्सा भी बढ़ता जा रहा था। जोर जोर से हूटिंग होने लगी। बड़ी मशक्कत के बाद पुतले के पीछे आग लगाई। पुतले के अंदर फटाकों की संख्या भी बहुत कम थी। पूरे पुतले को जलने में 20 से 25 मिनट का समय लगा। जो लोग पुतला दहन देखने आए थे उन्हें काफी निराश होकर जाना पड़ा। वहीं बरबड़ हनुमान मंदिर मेला परिसर में भी खड़ा किया गया रावण का पुतला जल रो गया लेकिन नीचे नहीं गिरा। उसे गिराना पड़ा।
सोशल मीडिया पर ट्रोल हुआ
पहली बार नेहरू स्टेडियम में खड़े किये गए पुतले के नहीं जलने व आतिशबाजी भी कमजोर होने पर लोगों के लगातार कमेंट्स नगर निगम को कोसते हुए सोशल मीडिया पर चल रहे है। हर कोई इसे भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी की भेंट चढ़ना बता रहा है।