– दरवाजा बंद कर बच्चों और महिलाओं ने बिताए दहशत के तीन घंटे
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
जिला मुख्यालय से 47 किमी दूर रतनगढ़पीठ में हमले का शिकार हुए लोगों की आंखों में खौफ अब भी बरकरार है। हमले के चौथे दिन शुक्रवार को वंदेमातरम् न्यूज गांव पहुंची। टूटे-फूटे घरों के अंदर से झांकने वाले पीड़ितों से चर्चा की तो जमीन विवाद में भाभर पक्ष की ओर से हथियार बंद 250 से अधिक लोगों के कोहराम की कहानी सामने आई। मुनिया परिवार के आठ घरों पर हमला होने पर पुरुषों ने माही नदी में कूद जान बचाई तो बच्चों व महिलाओं ने दहशत के तीन घंटे गुजारे। रतनगढ़पीठ से बाजना की दूरी महज 10 किमी है, इसके बाद भी हमलावर तीन घंटे से अधिक उत्पात मचाते रहे। डायल-100 पर भी 23 बार कॉल करने पर किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिली।


पीड़ित मुनिया परिवार के अनुसार हमले के दूसरे दिन मकानों एवं किराना दुकान में तोडफ़ोड़ कर खाने-पीने तक सामान लूट ले गए। तीन दिन थाना परिसर में बिताने के बाद गुरुवार को मुनिया परिवार के सदस्य घर लोटे। मांगूबाई मुनिया ने वंदेमातरम् न्यूज टीम को मंगलवार की रात हमलावरों का आतंक बयां किया। उन्होंने बताया कुछ समझ पाते तब तक बड़ी संख्या में हथियारबंद दहशतगर्दों ने परिवार के आठों घरों को घेर लिया। महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को लेकर घर के अंदर दरवाजा बंद कर दुबकी रही। पुरुषों ने नदी में कूदने से पहले अपने-अपने मोबाइलों से 23 बार डायल-100 को कॉल किया परंतु मदद नहीं मिली। हमले के तीन घंटे से अधिक समय के बाद रात 10.30 बजे पुलिस पहुंची, जबकि ग्राम रतनगढ़पीठ से बाजना थाने की दूरी महज 10 किलोमीटर है। पुलिस के पहुंचने के बाद घरों के दरवाजे खोले तो आतंक का मंजर काफी खौफजदा था। पुलिस सुरक्षा की दृष्टि से सभी को अपने साथ ले गई। दूसरे दिन फिर भाभर पक्ष के उत्पातियों ने सूने मकान और दुकान को निशाना बनाकर तोडफ़ोड़ कर पशु, नकदी सहित घरेलू सामान के अलावा खान-पान की सामग्री लूट ली। भाभर परिवार के सदस्य अभी भी धमकियां दे रहे कि फिर झगड़ा किया जाएगा और अबकी बार आर-पार की लड़ाई होगी। मामले में बाजना पुलिस ने अभी तक आरोपियों के खिलाफ लूट और तोडफ़ोड़ को लेकर भी प्रकरण दर्ज नहीं किया है, जिससे ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उपज रहे हैं।
सूचना मिली हमें देर से
रतनगढ़पीठ में भाभर पक्ष पर अभी मारपीट का प्रकरण दर्ज है। दूसरी घटना को लेकर जांच करवाई जा रही है। हमले की सूचना हमें देर से मिली थी। डायल-100 पर 23 बार कॉल करने के बावजूद मदद नहीं मिलने का मामला गंभीर है। मामले की जांच करवाकर ही आपको आगे कुछ बता सकता हूं। – मनोजसिंह जादौन, टीआई- बाजना थाना (मध्यप्रदेश)