रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
शांत मन वाला मनुष्य ही जीवन में सच्चे निर्णय करता है। आपका मन जीतना शांत रहेगा तभी आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं। शांत मन ही सच्ची खुशी और सफलता देता है। शांत मन ही हमारी मंजिल है और इसका मार्ग दिखाने वाला गुरू होता है।
उक्त विचार आचार्य भगवत श्रीमद् विजय तपोरत्नसूरीश्वरजी महाराज के शिष्य परम पूजनीय मुनिराज श्री कल्याणरत्नविजयजी महाराज ने आत्मकल्याणक भूमि (सागोद रोड स्थित जेएमडी) पर व्यक्त किए। बुधवार को मुनिराज श्री कल्याणरत्नविजयजी महाराज ने श्रावकों को संबोधित करते हुए सवाल किया कि बताओ आपकी जिंदगी कितने साल की है। श्रावकों ने जवाब दिया 70 और 80 वर्ष। मुनिराज श्री कल्याणरत्नविजयजी महाराज ने श्रावकों को बताया कि इसमें से 40 साल आपके बीत गए, अब बचे शेष 30 वर्ष। 30 वर्ष में 15 वर्ष सोने में बीत जाएंगे। शेष वर्षों में आपको व्यापार, व्यवसाय के अलावा सामाजिक और पारिवारिक कार्यों में बीताने हैं। मान भी लो कि कुल 10 वर्ष आपने इन सभी कार्यों के लिए गुजार दिए तो शेष समय आपको 5 वर्ष मिलेंगे। इन 5 वर्ष में क्या आप परमात्मा को प्राप्त कर पाओगे? मुनिराज श्री कल्याणरत्नविजयजी महाराज ने कहा कि सिर्फ अंतिम 5 वर्ष में आप बीमारी और अन्य कार्यों में बीता दोगे और मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकोगे। इसलिए अभी से रोज सुबह उठकर 10 मीनट यही सोचों कि कितना जीना है। इसके बाद आपके अंदर से जो भाव प्राप्त होगा उसमें ज्ञान मिलेगा। उसी ज्ञान से आप निश्चिंत एक दिन मोह-माया सभी से विरक्त होने लगेंगे और जीवन की भागदौड़, तनाव सहित चिंता से दूर होकर शांत मन से सद्मार्ग को अपनाकर मंजिल (मोक्ष) को प्राप्त कर लेंगे।
माता-पिता के साथ पुत्री त्याग रही सांसारिक मोह


घास बाजार स्थित सकलेचा परिवार के मुमुक्ष रत्न 48 वर्षीय वल्लभभाई, 47 वर्षीय पत्नी वर्षाबेन सहित 17 वर्षीय पुत्री केजल कुमारी 7 मई को सांसारिक मोह त्याग दीक्षा ग्रहण करेंगी। आत्मकल्याण भूमि (जेएमडी परिसर, सागोद रोड) पर सकलेचा दंपती के अलावा पुत्री की दीक्षा आत्मा से परमात्मा की ओर मार्ग प्रशस्त करने जा रहा है। आत्म कल्याण उत्सव अंतर्गत 5 मई को सुबह प्रवचन पश्चात अष्टप्रकारी पूजा की जाएगी। इसके बाद शाम 8 बजे एक सफर नई दुनिया का (विदाई समारोह) होगा। 6 मई की सुबह 8 बजे घास बाजार से दीक्षार्थी मुमुक्ष रत्न वल्लभ भाई, वर्षा बेन सहित केजल कुमारी का भव्य रथयात्रा (ऐतिहासिक वर्षीदान वरघोडा) निकाली जाएगी। 7 मई की सुबह परम पूज्य मुनिराज श्री कल्याणरत्नविजयजी महाराज के सानिध्य में 6 बजे दीक्षाविधि का शुभारंभ किया जाएगा।