– कलेक्टर की रिपोर्ट पर संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं का एक्शन, दोनों डॉक्टर गंभीर आरोपों से घिरे
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। डोडा चूरा तस्कर की जमानत के लिए उसके बेटे को फर्जी तरीके से गंभीर बताने वाले रतलाम जिला अस्पताल के डॉ. जीवन चौहान और डॉ. रवि दिवेकर को सस्पेंड कर दिया है। इन दोनों डॉक्टरों पर अवैध तरीके से आर्थिक लाभ अर्जित कर परिजन को गंभीर बीमार बताकर मादक पदार्थ के तस्करों को कानूनी राहत दिलवाने के गंभीर आरोप लग चुके हैं। सस्पेंड की अवधि में डॉ. जीवन चौहान को बुरहानपुर और डॉ. दिवेकर को नीमच के सीएमएचओ कार्यालय में अटैच किया है। इसके अलावा डॉक्टर जीवन चौहान और रवि दिवेकर सहित जिला अस्पताल का आरएमओ डॉ. अरोरा के खिलाफ कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी की जमानत अवधि बढ़वाने के लिए कूट रचना की भी जांच पूरी हो चुकी है। उक्त मामले में दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होना लगभग तय माना जा रहा है।

सिविल सर्जन डॉ. एमएस सागर पर हमले के बाद डॉ. जीवन चौहान और डॉ.रवि दिवेकर की करतूतों का मामला सामने आया है। दोनों डॉक्टर पूर्व में भी मरीजों को परेशान कर उपचार में लापरवाही और रुपए मांगने के आरोपों से सुर्खियों में रह चुके हैं। रतलाम जिला अस्पताल के सिविल सर्जन की प्रस्तुत रिपोर्ट के बाद रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम द्वारा भेजे पत्र पर संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं से डॉक्टरों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में कैदी कचरूलाल पिता अमराजी (29) का फर्जी तरीके से इलाज करने का खुलासा हुआ है। इसमें डॉ. जीवन चौहान और डॉ. दिवेकर ने कैदी का पर्चा बनवाकर अस्पताल में भर्ती करवाया, डॉक्टर दिवेकर ने केसशीट पर नोट्स डलवाए जबकि वह अस्पताल में पदस्थ ही नहीं थे ना ही मेडिकल विशेषज्ञ हैं। आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करवा दिया। इसी प्रकार डॉक्टर जीवन चौहान और रवि दिवेकर सहित जिला अस्पताल का आरएमओ डॉ. अरोरा के खिलाफ कुख्यात तस्कर बाबू सिंधी की जमानत अवधि बढ़वाने के लिए कूट रचना की जांच पूरी हो चुकी है। उक्त मामले में भी तीनों डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई जल्द देखी जा सकती है। कोर्ट को गुमराह करने पर संबंधितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तय बताई जा रही है।
सस्पेंड डॉक्टरों पर उल्लंघन और अनुशासनहीनता
कलेक्टर राजेश बाथम ने शनिवार को लोकस्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा। आदेश में दोनों डॉक्टरों के पहले भी इसी तरह उल्लंघन और अनुशासनहीनता करने की बात लिखी है। पैसे के लेनदेन के बदले कैदी को जेल से बाहर रखने के लिए अस्पताल में भर्ती करने की आशंका भी जताई है। दोनों डॉक्टरों को पद के दायित्व के प्रति लापरवाही बरतने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। सिविल सर्जन डॉ. एमएस सागर से मारपीट के मामले में शनिवार को डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के अलग-अलग संगठनों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर अस्पताल में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।