असीम राज पांडेय

रतलाम। सेंव, सोना और साड़ी से प्रसिद्ध रतलाम पिछले कुछ माह से जुए-सट्टे के बढ़ते अवैध कारोबार से फिर बदनाम होने लगा है। देशभक्ति और जनसेवा के तत्कालीन कप्तान ने अड्डों पर दबिश देकर जुए-सट्टे के अवैध कारोबार को नेस्तनाबूद कर दिया था। इसके बाद अधिकारियों के ट्रांसफर हुए और शहर की सुरक्षा की कमान संभालने वाले चंद माह पूर्व आए एक अधिकारी की स्वीकृति से अवैध कारोबार दोबारा पैर पसारने लगा है। गली-मोहल्लों और सार्वजनिक स्थान पर इन दिनों ऐसे स्थानों पर जुए-सट्टे के अड्डे संचालित हो रहे हैं, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है। शहर के व्यस्तम बाजार के थाना अंतर्गत एक अखाड़े के ऊपर शाम ढलते ही बड़े-बड़े जुआरियों की महफिल सज रही है, वहीं दूसरी तरफ चौराहे-चौराहे मैजिक वाहनों में बैठकर सट्टे की पर्चियां भरने के साथ बेखौफ हिसाब-किताब किए जा रहे हैं। ये अंदर की बात है… कि संबंधित थानों को इसकी पुख्ता जानकारी है, लेकिन वह शहर की सुरक्षा की कमान संभालने वाले खाकीधारी अधिकारी की स्वीकृति के आगे चुप हैं। चौराहों पर चर्चा है कि कप्तान भले ही एमडी के नशे के खिलाफ अभियान चला रहे हैं, लेकिन जुएं-सट्टे का नशा जिन तत्कालीन अधिकारियों ने जमींदोज किया था, वह शहर के एक खाकी अधिकारी की स्वीकृति से दोबारा सिर चढ़कर बोलने लगा है।
प्रदेश मुखिया के चेहरे पर खौफ आया नजर
हाथछाप के प्रदेश मुखिया पिछले सप्ताह रतलाम आए। हर बार कि तरह इनके चेहरे पर ऐसा कोई उत्साह नजर नहीं आया। मानों ऐसा लग रहा था कि वह एक औपचारिकता निभाने आए हैं। इसके साथ ही उनके चेहरे पर पार्टी छोड़ जाने वाले नेताओं का खौफ साफ नजर आया। पिछले दिनों फूलछाप मुखिया के समक्ष लूटकांड के नेताजी ने पंजे का साथ छोड़ कमल का दामन थाम लिया था। इनके बाद जिले में आदिवासी अंचल के पूर्व विधायक की भी जाने की सुगबुगहाट तेजी से चल रही है। ऐसे में हाथछाप के प्रदेश मुखिया ने रतलाम में आयोजित कार्यक्रम में स्थिति को भांपते हुए पूर्व विधायक को मंच से अपना भाई बताया। उन्होंने यहां तक कहा कि मुझे विश्वास है मेरा भाई मेरी आन, बान और शान पर आंच नहीं आने देगा। प्रदेश मुखिया के इस बयान ने एक नई चर्चा को जन्म दे दिया है। पूरे कार्यक्रम में प्रदेश मुखिया ने पूर्व विधायक को अपने पास ही बैठाकर रखा। मीडिया से मुखातिब होते समय भी हाथछाप के प्रदेश स्तरीय नेता (संसदीय क्षेत्र प्रत्याशी पुत्र) को कुर्सी से हटाकर पूर्व विधायक को अपने पास बैठाया। ये अंदर की बात है… कि पूर्व विधायक हाथछाप में ही रहते हैं या फूलछाप का दामन थामते हैं। यह आने वाला समय ही बताएगा। इधर बुधवार सुबह कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम करारा झटका दे दिया है।
भूमाफिया काट रहा रोज निगम के चक्कर
बहुचर्चित राजीव गांधी सिविक सेंटर भूखंड रजिस्ट्री कांड में सेवा से निवृत्त होने के दो माह पहले आर्थिक अनियमित्ता के गंभीर आरोपों में नप चुके नगर निगम के पूर्व आका लोकायुक्त कार्यालय के चक्कर काटने में व्यस्त हैं तो दूसरी तरफ इस खेल में शामिल भूमाफिया नगर निगम के चक्कर लगा रहा है। नवागत मुखिया ने कार्यभार संभालते ही अधीनस्थ विभाग प्रमुखों को निर्देशित कर दिया है कि गड़बड़ी में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। इसके चलते भूमाफिया कि इन दिनों निगम कार्यालय में दाल गलती नजर नहीं आ रही है। कार्यालय खुलने के समय रोज अपने स्कॉय कलर की कार से उतरकर भूमाफिया करीबी अधिकारी-कर्मचारियों को मोबाइल लगाता है। सूत्रों की मानें तो नप चुके अधिकारियों को घी पीलाने वाले भूमाफिया से कर्मचारी इसलिए डरकर दूरी बनाए हुए हैं कि इसके कांटे में फंसी दाल के चक्कर में कहीं उनकी बली भी न चढ़ जाए। कर्मचारी अब भूमाफिया के बुलाने पर मिलने से कतराने लगे हैं। इस भूमाफिया के कार्य से नपने वाले आयुक्त के पुराने रिश्ते भी अब चर्चा में हैं। ये अंदर की बात है… कि इसी भूमाफिया के कारण हाल ही में नप चुके निगम के पूर्व मुखिया के खिलाफ छह वर्ष पूर्व आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में नियम विपरित स्कूल जमीन आवंटन पर एफआईआर भी कटवा चुके हैं।