रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले खाद्यमंत्री बिसाहू लाल ने रतलाम जिले के पिपलौदा में मंच से एक बार फिर विवादित बयान दिया। इस बार मंत्री बिसाहुलाल ने रीवा राजघराने पर अपना विवादित बयान दिया। मंत्री जी ने खुलासा किया कि उनके समाज के लोग शेर मारते थे और नाम राजाओं का होता था। जब वह शेर मारते थे तब राजा दारू पीकर पड़े रहते थे। शेर मारने के कारण हमें सिंह की उपाधि मिली। इसके पूर्व राजपूत समाज की महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणी से मंत्री विवादों से घिर चुके हैं।
मध्यप्रदेश के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह रतलाम में अपने नाम के आगे सिंह लगे होने की कहानी का जिक्र करते हुए कहा कि काम हम करते थे लेकिन नाम राजाओं का होता था। मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने रतलाम जिले के पिपलौदा में आयोजित मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के शिविर को संबोधित कर रहे थे। मंत्री जी ने मंद-मंद मुस्कान के पीछे सभा में खुलासा किया कि हमारे समाज के लोगों को सिंह की उपाधि राजा ने दी है। रीवा संभाग में राजा के समय बहुत शेर हुआ करते थे। राजा लोग शिकार पर जाते थे तो हमारे समाज के लोगो को हाका करने के लिए ले जाते थे। हमारे लोगो को राजा बंदूके थमाकर दारू पीकर पड़े रहते थे, जब हमारे लोग शेर मार देते तो राजा सबको बताते थे कि शेर उन्होंने खुद मारा है और हमें इसलिए शेर मारने के कारण राजा ने सिंह की उपाधि दी थी।
पूर्व बयान में हो चुका मंत्री के घर का घेराव
गौरतलब है कि मंत्री बिसाहूलाल सिंह पूर्व में राजपूत समाज की महिलाओं पर अमर्यादित टिप्पणी करने पर राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के विरोध को झेल चुके है। इस दौरान मंत्री सिंह के निवास का घेराव और प्रदेशभर में पुतला फूंकने के बाद पद से हटाने की मांग भी हो चुकी है। मंत्री के बयान के बाद प्रदेश के आलाकमान को संज्ञान लेना पड़ा और मामले पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान आया था।