नई दिल्ली/रतलाम, वन्देमातरम् न्यूज।
कोविड-19 की पाबंदियों के बाद आखिरकार 30 जून से भक्तों को बाबा अमरनाथ के दर्शन होंगे। 43 दिनों तक की यह यात्रा रक्षाबंधन पर पूर्ण होगी। हालाँकि इस यात्रा में कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन कराने के अलावा भक्तों के लिए विश्राम स्थल सहित विशेष सुरक्षा के बंदोबस्त पर जोर दिया है।
जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से बताया गया है कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक में यह फैसलें लिए गए।यात्रा के दिनों में निर्धारित काउंटर पर ऑन स्पॉट (तत्काल) पंजीकरण भी किए जाएंगे। अमरनाथ तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड ने इस साल की तीर्थ यात्रा के दौरान वाहनों और तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर नज़र रखने को लेकर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का उपयोग करने का भी निर्णय लिया है।
यह भी लिए महत्वपूर्ण निर्णय
बोर्ड की बैठक में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने दक्षिण कश्मीर स्थित अमरनाथ धाम की वार्षिक यात्रा में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए 20 हजार क्षमता वाला यात्री निवास निर्माण से भी अवगत कराया। जम्मू संभाग के आयुक्त राघव लांगर ने बताया कि वर्ष-2020 और 2021 में कोविड-19 की वजह से 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरानाथ गुफा तक की यात्रा सांकेतिक तौर पर आयोजित की गई थी। इस साल श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक होने की उम्मीद है।