
– श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान उत्सव में उमड़ा श्रद्धा का सागर, पोथी यात्रा, भजन और आत्मिक प्रवचनों ने मोहा जनमानस
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। मंगल मूर्ति रेसीडेंसी में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान उत्सव में श्रद्धा, भक्ति और आत्मिक ज्ञान का अनूठा संगम देखने को मिला। इस सात दिवसीय कथा महोत्सव में भागवताचार्य पं. योगेश्वर शास्त्री ने श्रीमद् भागवत पुराण के माध्यम से जीवन के परम सत्य और मोक्ष मार्ग की व्याख्या करते हुए कहा, “भागवत कथा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आत्मा के शुद्धिकरण का मार्ग है। इसका श्रवण करने से मनुष्य अपने समस्त पापों से मुक्त हो सकता है और जीवन को ईश्वर के सान्निध्य में ले जाकर सार्थक बना सकता है।”

उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति के अनुसार आत्मा अमर है और शरीर केवल एक साधन मात्र है। मनुष्य को अपने पाप और पुण्य के कर्मों का प्रतिफल विभिन्न योनियों में जन्म लेकर भोगना पड़ता है। ऐसे में जीवन में एक बार भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए, क्योंकि यही जीवन को मोक्ष की दिशा में अग्रसर करता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे भागवत ज्ञान को केवल श्रोताओं तक सीमित न रखें, बल्कि अपने आचरण और जीवन में भी आत्मसात करें।
पोथी यात्रा से हुई शुरुआत
कथा उत्सव का शुभारंभ कॉलोनी स्थित गणेश मंदिर से निकाली गई पोथी यात्रा से हुआ। इस यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए, विशेष रूप से महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर भावपूर्ण भागीदारी निभाई। पोथी यात्रा ने वातावरण को पूर्णतः भक्तिमय बना दिया। कथा के दौरान भजन संध्या का आयोजन भी किया गया, जिसमें मनमोहक भजनों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। भक्ति संगीत और मंत्रोच्चार से पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा।
मुख्य यजमानों ने किया पं. शास्त्री का स्वागत
श्रीमद् भागवत कथा के मुख्य यजमान कैलाश शर्मा, महेश शर्मा, दिनेश शर्मा, सुनील शर्मा, निखिलेश शर्मा, विनोद शर्मा, राजेंद्र व्यास, प्रियेश शर्मा, मनीष शर्मा, आशीष शर्मा, संदीप शर्मा, गौरव शर्मा एवं दिव्यांश शर्मा ने भागवताचार्य पं. योगेश्वर शास्त्री का विधिवत स्वागत कर पोथी पूजन संपन्न कराया।
गणमान्यों की रही गरिमामयी उपस्थिति
इस आयोजन की शोभा बढ़ाने के लिए अनेक प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित रहे। इनमें माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि भोपाल के विभागाध्यक्ष रहे और वर्तमान में प्रोडक्शन, सम्बद्ध अध्य्यन संस्थाएं एवं रेडियो कर्मवीर डॉ. आशीष जोशी, वरिष्ठ पत्रकार विजय मीणा, जयेश राठौर, गोपाल जोशी, लक्ष्मीनारायण धारवा, कृष्ण चंद्र ठाकुर, दयाशंकर पालीवाल तथा श्याम सुंदर भाटी प्रमुख रूप से शामिल हुए।