रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
प्रदेश में मेडिकल के छात्र अब हिंदी में डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगे। मध्यप्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रथम वर्ष के छात्र हिंदी में तय विषयों को पढेंगे। आपको बता दे कई साल पहले अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ने इस पहल की शुरुआत की थी। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय (GMC) में पुस्तक वितरण का कार्यक्रम हुआ। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की अध्यक्षता में सुबह 11 बजे गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल से कार्यक्रम की वर्चुअल शुरुआत हुई। रतलाम मेडिकल कॉलेज के लेक्चर थियेटर में कार्यक्रम की शुरूआत हुई। इस दौरान डीन डॉ. जितेन्द्र गुप्ता सहित सभी विभागाध्यक्ष व हिन्दी प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी मौजूद रहे।


वर्चुअल शुरू हुए इस कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष के 180 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीन डॉ. गुप्ता ने बताया की हिन्दी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम संचालित होने से विद्यार्थियों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। महाविद्यालय द्वारा एमबीबीएस प्रथम वर्ष पाठ्यक्रम हिंदी में पढ़ने के इच्छुक 60 विद्यार्थियों को हिन्दी में प्रकाशित पुस्तकों को वितरित किया गया। इसके साथ ही अन्य छात्रों ने भी हिन्दी पाठ्यक्रम की पुस्तको के प्रति उत्सुकता दिखाई है। इसके लिए शासन स्तर पर अतिरिक्त पुस्तकों की मांग की है।
इन देशों में होती है मातृभाषा में पढ़ाई
यूक्रेन, रूस, जापान, चीन, किर्गिस्तान और फिलीपींस जैसे देशों की तरह अब भारत में भी मेडिकल की पढ़ाई मातृभाषा में हो रही है। जर्मनी, रूस, चीन, फ्रांस और अन्य कॉलेजों जैसे विभिन्न देश अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं। हिंदी माध्यम की इन किताबों में अंग्रेजी के शब्दों को भी ब्रेकेट में रखा गया है। जैसे रक्तचाप, रीढ़, हृदय, गुर्दा, यकृत या शरीर के महत्वपूर्ण अंगों या उससे संबंधित शब्दों को हिंदी के साथ उसका उच्चारण व शब्द अंग्रेजी में भी लिखा गया है।