रतलाम, वन्देमातरम् न्यूज।
शासकीय स्कूलों के समय पर नहीं खुलने संबंधी शिकायतों पर बुधवार सुबह जब संयुक्त कलेक्टर अभिषेक गेहलोत ने रतलाम शहर के बजरंग नगर स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय सुभाष क्रमांक 1 का आकस्मिक निरीक्षण किया तब रामभरोसे चल रही शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई। निरीक्षण में विद्यालय समय पर नहीं खुला मिला साथ ही रजिस्टर में दर्ज 40 में केवल 2 बच्चे ही स्कूल में उपस्थित मिले।
इस स्कूल की प्रभारी शिक्षिका पुष्पा राठौर सुबह 11.30 विद्यालय पहुंची। विद्यालय की एक अन्य शिक्षिका सुनीता दंडोतिया पांचवी की परीक्षा दिलवाने बच्चों को परीक्षा केंद्र पर ले गई थी। प्रभारी शिक्षिका को वहां आये 2 बच्चे किस कक्षा में है यह भी मालूम नहीं था। जब बच्चों के शैक्षणिक स्तर की जांच की गई तो नील बटे सन्नाटा हाथ लगा। जिसको देख निरीक्षण करने गए संयुक्त कलेक्टर गेहलोत ने नाराजगी जाहिर करते हुए तत्काल प्रभारी शिक्षिका के विरुद्ध कार्रवाई हेतु जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया।
जिला शिक्षाधिकारी कब देंगे ध्यान ?
जिले कि शिक्षा व्यवस्था का जिम्मा जिला शिक्षाधिकारी का होता है। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम शिक्षा व्यवस्था को लेकर संवेदनशील है, फिर भी सूबे के अधिकारी निर्देशों पर पलिता लगाने से बाज नहीं आ रहे। शिक्षा व्यवस्था को सही ढंग से संचालित करने के लिए गत 6 माह में कलेक्टर कई दिशा निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा को दे चुके हैं, लेकिन अब तक कोई परिवर्तन नहीं देखने को मिला। विडम्बना है की जो निरीक्षण जिला शिक्षाधिकारी को करना चाहिए वह कलेक्टर और संयुक्त कलेक्टर जैसे अधिकारियों को करना पड़ रहा है।