असीम राज पांडेय, केके शर्मा
रतलाम। अवैध मादक पदार्थ के परिवहन और विक्रय करने वालों पर ही कार्रवाई की जाएगी। नवागत कप्तान का उक्त संदेश का वीडियो पिछले दिनों आम और खास में चर्चा का मुद्दा बना। वाक्या कुछ ऐसा है कि फरार यासिर उर्फ बाजा का नामली बायपास से हत्थे चढऩे के बाद मुंबईय्या और उसका रिश्तेदार गिरफ्तार हुआ। यासिर उर्फ बाजा की मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर नाटकीय ढंग से गिरफ्तारी होना सवालों को जन्म देता है। बाजा की गिरफ्तारी में अधिकारियों ने पड़ताल करना भी मुनासिब नहीं समझा। कहानी यहां से शुरू होती है कि नंबर बढ़ाने के चक्कर में सक्रिय कुछ पुलिसकर्मियों के हौंसले ऐसे बुलंद हुए और वह आरोपियों के संपर्क में रहने वालों पर दबाव बनाने में जुट गए। ये अंदर की बात है कि दबाव ऐसे लोगों पर बनाया जा रहा था जो रसूखदार थे। रसूखदारों की बात सरलता से नेताओं के माध्यम से होकर कप्तान तक जा पहुंची। कप्तान ने ऐसे कर्मचारियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया जो नए खेल के लिए मैदान सजा चुके थे।
फिर भाजपा महिला नेत्रियों का अपमान
प्रदेश के मुख्यमंत्री नारी सम्मान को लेकर कितने भी दावें कर लें लेकिन रतलाम मुख्यालय पर भाजपा महिला नेत्रियों की उपेक्षा लगातार बनी हुई है। चार माह पूर्व मुख्यमंत्री दौरे में होर्डिंग्स, बैनर में रतलाम की पहली महिला निगम सभापति का फोटो और पद की उपेक्षा अभी लोग भूले भी नहीं कि स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य समारोह में महिला सभापति सहित पार्षदों की बैठक व्यवस्था नहीं होना आमजन में फिर चर्चा का मुद्दा बन गया है। भाजपा नेत्रियों ने आयोजन स्थल पर जिला प्रशासन को जमकर खरी-खोटी भी सुनाई। राष्ट्रीय पर्व की गरीमा के मद्देनजर निगम सभापति व कुछ महिला पार्षद झंडावंदन तक खड़ी रहीं और कार्यक्रम शुरू होने से पहले चली गई। ये अंदर की बात है कि कुछ नेता नाराजगी दूर करने का प्रयास करते दिखाई दिए लेकिन भाजपा नेत्रियों ने एक नहीं सुनी।
सत्ताधारी पार्टी के चिकल्लस का शोर चौराहे पर
चुनावी वर्ष में सत्ताधारी पार्टी के चिकल्लस का शोर चौराहों पर सुनाई देने लगा है। दशक भर बाद प्राधिकरण की कुर्सी पर मनोनयन से शहर की राजनीति में केंद्रीय शक्ति बिखरी-बिखरी सी दिखाई दे रही है। शक्ति के विकेंद्रीकरण से अब भाजपा पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ता भी गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं। पिछले दिनों प्राधिकरण माननीय के करीबी महानुभव ने जिला कार्यकारणी के मजबूत पद से हटने का ऐलान कर अंदरूनी घमासान को सडक़ पर ला दिया। ये अंदर की बात है कि ऐलान उनके लिए किया है जिन्होंनें पद दिलाने के लिए एडी-चोटी का जोर लगाया था। अब जनता यह देखना चाह रही है कि जिन महानुभव ने पद छोडऩे का ऐलान किया है उनका आने वाले समय में कद बढ़ेगा या छोटा होगा।