असीम राज पाण्डेय

रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। शहरवासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने में नाकाम विभाग के मुखिया पहले जनता और नेताओं को कुछ नहीं समझते थे, लेकिन अब वह जिला के मुखिया की अपने विभाग के अधीनस्थों के सामने खिल्ली उड़ाकर शेखी बघार रहे हैं। मई माह में सेवा से मुक्त होने वाले इस साहब का नगर निगम के पार्षदों और रतलामवासियों को बेसब्री से इंतजार है। नगर निगम की बदहाल व्यवस्था को लेकर जिला मुखिया ने सार्वजनिक रूप से पिछले दिनों साफ-सफाई के इस निकम्मे मुखिया को डपट क्या लगाई, निगम के यह मुखिया अपने अधीनस्थों से जिला मुखिया को लेकर टिका-टिप्पणी पर उतारू हो गए। ठकुराई बताने वाले निगम के यह साहब अधीनस्थों के सामने नगरीय प्रशासन मंत्री से नजदीकियों का बखान कर जिला मुखिया का जल्द तबादला करवाने के दावें भर रहे हैं। ये अंदर की बात है कि अधीनस्थ भी बखूबी जानते हैं कि यह ठाकुर कितना असली और कितना नकली है। इसकी चर्चा नगर निगम से लेकर राजनीति गलियारों में खासी बनी हुई है।
अब नेताजी हो गए न्यूटल
नगर निगम कमिश्नरी की कुर्सी पर अपने अधिकारी को बैठाकर फूलछाप पार्टी के प्रतिद्वंदियों को न्यूटल का सपना संजोने वाले खुद न्यूटल हो गए। दरअसल यह वहीं नेताजी हैं जिन्होंने पिछले दिनों अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता के देहांत पर मुक्तिधाम में बड़ी-बड़ी बातें की थी। यह दावा नेताजी ने अपने आका को नगरीय प्रशासन विभाग का मंत्री पद बनने के बाद भरा था। नेताजी के सपनों पर प्रदेश मुखिया ने ऐसा पानी फेरा कि वह अपनी कुर्सी से भी हाथ धौ बैठे। अब शहर के राजनीति गलियारों से लेकर रतलाम का विकास करने वाले विभाग में चर्चा के दौरान सवाल जन्म ले रहा है कि नेताजी न्यूटल होने के बाद क्या करेंगे? हालांकि इन नेताजी ने अब तक की सबसे बड़ी कॉलोनी काटने का प्लान बनाने के दौरान निम्न तपकों से भले ही नियमों का हवाला देकर परेशान किया हो लेकिन इन नेताजी ने रतलाम विकास की दुकान में सबसे बड़ी कॉलोनी काटने के प्लान में तीन कॉलोनियों को मोटी राशि लेकर बाहर कर दिया। ये अंदर की बात है कि योजना के अस्तित्व में आने से पहले नेताजी की विदाई हो गई।
डेढ़ लाख हजम और फाड़ी 5-5 हजार की पर्ची
शहर के व्यवसायिक क्षेत्र स्थित थाने की एक दबिश इन दिनों शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। थाने में आपसी फाड़ के चलते पूर्व में दो बार उक्त स्थान से जुएं की कार्रवाई थाने पहुंचकर सट्टे में तब्दिल हुई। थाने की मैडम ने तबादले से पहले एक ऐसा खेल खेला जिसमें सभी की बल्ले-बल्ले हो गई। मामला कुछ ऐसा है कि मैडम को सूची जारी होने से पहले तबादले की सूचना थी। तबादला सूची जारी होने से पहले संबंधित क्षेत्र के दरोगाजी अपने अमले के साथ अड्डे पर दबिश देने पहुंचे। यहां पर दो व्यक्ति ऐसे भी धराए जिनका जुए से कोई लेना-देना नहीं था। फायनेंस की किश्त लेने मौके पर पहुंचे दोनों भी चपेट में आए। दबिश के बाद मौके से 1 लाख 65 हजार से अधिक की नकदी बरामद हुई जो थाने पहुंचते-पहुंचते 14 से 15 हजार रुपए में सिमट गई। इसके बाद जुआरियों का जुलूस और 151 की कार्रवाई से राहत दिलाने के नाम 5-5 हजार रुपए की अतिरिक्त पर्ची (रसीद) फाड़ दी। ये अंदर की बात है वर्दी ने भले ही पर्दे में रहकर खेल खेला, लेकिन उनकी हरकत से सब भलीभांति बाकिफ हैं।