असीमराज पांडेय, केके शर्मा, जयदीप गुर्जर
रतलाम। जून माह में बदमाशों की बेखौफ रंगदारी ने कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया। बार में बैठ बदमाश को मनपसंद गाना सुनना हो या फिर चांदनीचौक में फ्री की चाट डकारना, बजरंगनगर में दुकान में घुसकर चाकू से हमला हो या फिर दीनदयालनगर क्षेत्र में एफआईआर के बाद फरियादी से मारपीट कर खुलेआम रंगदारी…। छोटी-छोटी बातों पर बदमाशों का नंगा नाच स्पष्ट कर चुका है कि बदमाशों में कानून का खौफ नहीं है। दहशतगर्दी का नंगा नाच दिखाने वाले बदमाशों की एक कहानी यह है कि कहीं न कहीं इनके तार अवैध धंधे (वसूली, डायरी सिस्टम पर शराब बेचना, एमडी, जुआ और सट्टे) में जुड़े होने से इनका याराना जनसेवा और देशभक्ति की शपथ लेने वालों से काफी है। ये अंदर की बात है कि दहशत फैलाने वाले बदमाशों की पृष्ठभूमि के साथ मोबाइल खंगाले जाए तो कई ऐसे वर्दीधारी बेनकाब होंगे जो बदमाशों को संरक्षण देकर रतलाम की शांत फिजां में दहशत फैलाकर थानों में फरियादी के सामने रुबाब दिखाकर महकमें की छवि खराब करते हैं।
“पीए साहब” का भी ऐसा रुतबा
रतलाम जिला पंचायत की माननीया के साहब ने माननीया के साथ शासकीय बैठकों एवं कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का जुगाड़ सांसद प्रतिनिधि बनकर कर लिया है। ऐसे में माननीया के पीए साहब भी इनसे एक कदम आगे है। इन पीए साहब ने अपना रुतबा बरकरार रखने के लिए इनके निजी चार पहिया वाहन पर जिला पंचायत अध्यक्ष की नेम प्लेट लगा रखी है। यहां तक वाहन में हूटर तक लगा रहे है। बकायदा पीए साहब चार पहिया वाहन को लेकर जिला पंचायत आते वक्त नेम प्लेट को लाल रंग के कवर से ढक लेते है लेकिन रतलाम की सीमा से बाहर निकलते ही यह कवर हट जाता है। जिला पंचायत में भी पीए साहब के खूब चर्चे है। चर्चे क्यों ना हो क्योंकि यह पीए साहब जिले की आदिवासी क्षेत्र की पूर्व विधायक के भी पीए रह चुके है। चर्चा यह भी है कि पीए साहब के रिश्तेदारों के साथ ठेको में पार्टनरशिप भी है।
मूछों पर ताव देने वाले लगे मिमियाने
फूलछाप की नगर सत्ता में मूछों पर ताव देने वाले हाथछाप पार्षद पति की नगर माननीय के सामने बोलती बंद होना चर्चा में है। वाक्या कुछ ऐसा है कि हाल ही में विकास की बात, फन तथा मस्ती के साथ सिटी फोरलेन को दुधिया रोशनी से जगमगाने का कार्यक्रम हुआ। फूलछाप के कार्यक्रम में मूछों पर ताव देने वाले पार्षद पति तैयारियों में ऐसे आगे रहे कि क्षेत्र की जनता भी दलबदल के चर्चों पर मुहर लगाने लगी। फन और मस्ती के मूड में नगर माननीय जैसे ही मौके पर पहुंचे तो गंदगी से भरी नाली देख काफी खफा हुए। सफाई के मुखिया से लेकर वार्ड जिम्मेदारों को नगर माननीय मोबाइल घनघनाकर उखड़ ही रहे थे, तभी बीच में मूंछ पर ताव देने वाले पार्षद पति ने नंबर बढ़ाने के लिए कहा कि मैं तो सुबह से खड़ा हूं यहां…। पार्षद पति का जवाब सुनते ही नगर माननीय ने अपनी नाराजगी वाले अंदाज में कहा सुबह से खड़ा रहने से क्या होता है? यह सुनते ही मूछों पर ताव देने वाले पार्षद पति की बोलती बंद हो गई और वह मिमियाने लगे।
