नवीन शिक्षा नीति, युवा वर्ग और रोजगार पर हुआ व्याख्यान
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रतलाम के भूगोल विभाग द्वारा नई शिक्षा नीति, युवा वर्ग और रोजगार विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता पूर्व प्राध्यापक एवं पूर्व प्रशासनिक अधिकारी जेसी बोरासी थे। अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य डॉ. पीसी पाटीदार ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर की गई। अतिथियों का स्वागत भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एमएल बडग़ोत्या, डॉ. मायारानी देवड़ा, गोपाल सिंह खराड़ी, प्रो. नीरज आर्य एवं एमए के विद्यार्थी फाल्गुनी निगम एवं रामलाल सिंगार ने किया।
अतिथि परिचय भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एमएल बडग़ोत्या ने दिया। मुख्य प्रवक्ता बोरासी ने अपने उद्बोधन में छात्रों को बताया कि अपनी रुचि पहचाने और हम किसी से कम नहीं यह सोच बनाएं। आप जितना भ्रमण करेंगे उतना सीखेंगे। आपने रोजगार के चार पक्ष बताएं- पहला शासकीय, जिसमें सिविल सर्विसेज तथा मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षाएं जिससे कलेक्टर आयुक्त तथा बड़े पद हासिल कर सकते हैं। दूसरे अर्धशासकीय- नगर निगम प्राधिकरण या न्यास आदि में बड़े पद, तो यूपीएससी तथा पीएससी से भर्ती होते हैं, तथा अन्य अर्धशासकीय कर्मचारी होते हैं। तीसरे प्राइवेट सेक्टर में उद्योग या व्यवसाय करने के लिए 40 प्रतिशत पूंजी स्वयं लगाएं 60 प्रतिशत शासन देती है। अंतिम पक्ष स्वरोजगार का है जिसमें प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना तथा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की सरल एवं विस्तृत जानकारी से अवगत कराया। आपने बताया कि, यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करें अन्य परीक्षाओं की तैयारी अपने आप ही हो जाएगी, और कहा कि यूपीएससी परीक्षा देश के सबसे सरल परीक्षाओं में से इस प्रकार विद्यार्थियों के मन से परीक्षा का भय दूर किया।
कार्यक्रम में रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजू हरोड़े, हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सीएल शर्मा, प्राणिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अलका कुलश्रेष्ठ तथा वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसएल मुवेल एवं डॉ. अर्चना भट्ट, डॉ. आरआर रोमडे, प्रो. दिनेश बोरासी, डॉ. कविता ठाकुर, प्रो. मुकेश इवने, डॉ. ललिता लोधा, डॉ श्वेता टेवानी, डॉ. भारती लुणावत, प्रो. पूनम चौधरी, डॉ. हेमलता राठौड़, डॉ. विजय कुमार सोनिया, डॉ. सतीश सिंह, दुर्गा प्रसाद शर्मा, नारायण व्यास तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे। संचालन डॉ. गोपाल सिंह खराड़ी ने किया। आभार डॉ. माया रानी देवता ने माना।