– कल प्रस्तुत होगा 15 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट
भोपाल, वंदेमातरम् न्यूज। मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) का शीतकालीन सत्र 16 दिसम्बर 2024 से शुरू होगा। इसमें सरकार जन विश्वास विधेयक प्रस्तुत करेगी, जिसके माध्यम से छोटे-छोटे मामलों को कोर्ट-कचहरी के स्थान पर अर्थदंड लगाने का अधिकार अधिकारियों को दिया जाएगा।

इसके साथ ही वर्ष 2024-25 के लिए 17 दिसंबर को 15,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रथम अनुपूरक बजट के साथ नगर निगम और नगर पालिका अधिनियम और निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक भी प्रस्तुत किए जाएंगे। सदन की बैठक सोमवार सुबह 11 बजे से शुरू होगी। इसके पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी। कामकाज को सरल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 में जन विश्वास विधेयक प्रस्तुत किया था। इसी तरह मध्य प्रदेश सरकार भी विधेयक प्रस्तुत करने जा रही है।
एमपी सरकार पेश करेगी विधेयक
मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी। कामकाज को सरल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 में जन विश्वास विधेयक प्रस्तुत किया था। इसी तरह मध्य प्रदेश सरकार भी विधेयक प्रस्तुत करने जा रही है। इसमें नगरीय विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, ऊर्जा, श्रम, सहकारिता सहित अन्य विभागों के उन अधिनियमों में संशोधन किया जा रहा है, जिनमें दो-तीन माह की सजा या जुर्माने का प्रविधान है। ऐसे मामलों में समझौते का प्रविधान शामिल किया जा रहा है। उधर, नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव तीन वर्ष की कार्यावधि पूरी होने के बाद प्रस्तुत करने और उसे पारित कराने के लिए तीन चौथाई पार्षदों का समर्थन आवश्यक संबंधी प्रविधान करने अधिनियम में संशोधन प्रस्तावित किया गया है।
भाजपा के दो, एक कांग्रेस विधायक की होगी शपथ
सोमवार से प्रारंभ हो रहे शीतकालीन सत्र में सबसे पहले उपचुनाव में निर्वाचित तीन विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। लोकसभा चुनाव के समय छिंदवाड़ा जिले की विधानसभा सीट अमरवाड़ से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने त्यागपत्र देकर भाजपा की सदस्यता ले ली थी। जुलाई 2024 में उपचुनाव कराए गए, जिसमें भाजपा के प्रत्याशी कमलेश शाह विजयी रहे। उन्होंने तब विधानसभा की सदस्यता नहीं ली थी। अब उन्हें शपथ दिलाई जाएगी। इसी तरह, शिवराज सिंह चौहान के विदिशा से सांसद निर्वाचित होने पर बुधनी और रामनिवास रावत के विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देने पर विजयपुर में उपचुनाव कराया गया था। वहीं, कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे के विरुद्ध दलबदल के आवेदन पर अभी तक कोई निर्णय न होने के कारण भले ही कांग्रेस विधायक दल ने उन्हें अपने साथ बैठाने से इन्कार करते हुए उन्हें आसन आवंटन के लिए पत्र नहीं दिया पर विधानसभा सचिवालय ने उन्हें कांग्रेस दल के सदस्यों के साथ ही सीट आवंटित की है।