– औद्योगिक पुलिस थाना प्रभारी अमले के साथ पहुंचे बंगले, तलाशी में नहीं मिला फरार कॉलोनाइजर का सुराग
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। इंदौर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद रतलाम के फरार कॉलोनाइजर अनिल झालानी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रतलाम औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने 11 माह से फरार चल रहे कॉलोनाइजर झालानी के सैलाना रोड स्थित आलीशान बंगले पर दबिश मारी। थाना प्रभारी वीडी जोशी अमले के साथ जैसे ही बंगले पर पहुंचे, तभी बंगले में हड़कंप मच गया। थाना प्रभारी जोशी के मुताबिक फरार आरोपी अनिल झालानी की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं, जल्द ही उसके अन्य ठिकानों पर पुलिस दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करेगी।


श्रीराम इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के भागीदार फरार कॉलोनाइजर अनिल झालानी पर उक्त फर्म की भूमि के साथ ही दूसरे की जमीन पर अतिक्रमण कर बेचने का गंभीर आरोप है। मामले में प्रशानिक जांच में झालानी को दोषी पाया था और फरवरी-2024 में उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था । पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए कॉलोनाइजर झालानी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। बता दें कि जमीनों की जादूगरी में माहिर कॉलोनाइजर अनिल झालानी की गिरफ्तारी अब तक नहीं होने पर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए थे।
विवेकानंद गृह निर्माण समिति की भूमि जालसाजी कर बेची
रतलाम के बीरियाखेड़ी क्षेत्र में सर्वे नंबर 150/8 और 150/1/2/1 की भूमि पर विवाद गहराता जा रहा है। यह भूमि श्रीराम इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, जो एक भागीदारी फर्म है, के नाम पर मुख्तियारनामे के माध्यम से आवंटित की गई थी। श्रीराम इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के भागीदार अनिल झालानी ने इस भूमि का उपयोग कॉलोनी के विकास हेतु अनुमति लेकर विभिन्न भूखंडों का विक्रय किया। इस दौरान झालानी ने मोहन नगर गृह निर्माण समिति का निर्माण कर कई भूखंडों को समिति को आवंटित कर दिया। आरोप है कि इस प्रक्रिया में श्रीराम इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के नाम पर जो भूमि थी, उससे अधिक भूमि का आवंटन कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप पड़ोसी कॉलोनी विवेकानंद गृह निर्माण समिति की भूमि पर अतिक्रमण हुआ और अवैध रूप से रजिस्टर्ड विक्रय पत्र तैयार कर दिए गए।
समिति अध्यक्ष शर्मा की शिकायत पर जागा था प्रशासन
विवेकानंद गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष मनीष शर्मा द्वारा मामले की शिकायत की गई थी। इसके आधार पर मामले की जांच के लिए गठित संयुक्त जांच समिति ने इसे एक आपराधिक मामला पाया। इसके पश्चात औद्योगिक क्षेत्र थाना, रतलाम पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कर झालानी को मुख्य आरोपी बनाया है।
आरोपी झालानी ने शासन को बनाया था पार्टी
आरोपी कॉलोनाइजर झालानी ने अपनी याचिका में शासन को पार्टी बनाया था। मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजीव एस कलगांवकर ने की थी। सुनवाई के दौरान एडवोकेट जीके पाटीदार, प्रतिवादी राज्य शासन के एडवोकेट राजेश जोशी तथा मनीष शर्मा की ओर से भी एडवोकेट उपस्थित हुए। जांच अधिकारी औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी वीडी जोशी भी हाईकोर्ट में उपस्थित थे। आरोपी झालानी के अभिभाषक ने बीएनएसएस की धारा 482 व सीआरपीसी 1983 की धारा 2023/438 के तहत दायर की गई पहली अग्रिम जमानत याचिका वापस लेने का अनुरोध किया था, जिसे न्यायालय ने झालानी की अग्रिम जमानत का आवेदन खारिज कर दिया था।