रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और मनमानी का एक और शर्मनाक उदाहरण सामने आया है। हाट रोड स्थित शासकीय नवीन विनोबा हायर सेकंडरी स्कूल में पदस्थ अतिथि खेल शिक्षक राहुल परमार की शिकायतों को जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं। स्कूल के प्रभारी प्राचार्य स्वतंत्र श्रोत्रिय पर गंभीर आरोप लगाते हुए अतिथि शिक्षक ने कलेक्टर से गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

खेल शिक्षक से जबरन गड्ढे खुदवाए, सफाई करवाई
राहुल परमार ने आरोप लगाया कि उनकी नियुक्ति खेल शिक्षक के रूप में हुई थी, लेकिन उनसे खेल गतिविधियों के बजाय गड्ढे खुदवाने और स्कूल की सफाई करवाने का काम लिया जाता है। जब उन्होंने इन गैर-शैक्षणिक कार्यों को करने से इनकार किया, तो प्राचार्य ने उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी। यही नहीं, खेल गतिविधियों के फर्जी वाउचर बनवाकर उनके जबरन हस्ताक्षर करवाए गए।
पैसे नहीं दिए तो उपस्थिति में गड़बड़ी
शिक्षक का कहना है कि उनसे पैसों की मांग भी की गई। 7 दिसंबर 2024 को वे स्कूल में उपस्थित नहीं थे, लेकिन उनसे जबरन उपस्थिति पर हस्ताक्षर करवाए गए। वहीं, 28 और 29 जनवरी को स्कूल में उपस्थित रहने के बावजूद उन्हें गैरहाजिर दिखा दिया गया और आधे वेतन की मांग के बाद उपस्थिति दर्ज की गई।
शिकायतों पर प्रशासन का ढुलमुल रवैया
राहुल परमार ने इस भ्रष्टाचार और मानसिक उत्पीड़न की शिकायत शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन से की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज कराई, जिसे बिना समाधान के बंद कर दिया गया। दो बार जनसुनवाई में अपनी बात रखने के बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे यह साफ हो जाता है कि शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार को खुली छूट मिली हुई है।
प्रभारी प्राचार्य ने मामले में यह कहा
जब इस मामले में प्रभारी प्राचार्य स्वतंत्र श्रोत्रिय से बात की गई, तो उन्होंने सभी आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि अतिथि शिक्षक स्कूल नहीं आए, इसलिए उनका वेतन काटा गया। इसके अलावा स्कूल में अन्य दो भी अतिथि शिक्षक कार्य कर रहे हैं। नियमानुसार कार्य नहीं करने और मनमानी पूर्वक अवकाश लेने पर वेतन कटता है। इसको लेकर मेरे खिलाफ झूठी और निराधार शिकायत की गई है।