रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
नए साल से बिल्डिंग परमिशन के लिए लगने वाली नजूल एनओसी की अनिवार्यता को समाप्त करने के प्रदेश सरकार के निर्णय का पूर्व महापौर एवं वरिष्ठ भाजपा नेता शैलेंद्र डागा ने स्वागत किया है। उन्होंने इसे जनता को राहत देने वाला निर्णय बताते हुए मध्यमवर्गीय जनता को राहत देने के लिए विभाजित प्लाट के मामले का भी शीघ्र निराकरण करने की मांग की है।
पूर्व महापौर डागा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व में 2400 स्क्वायर फीट तक के प्लाट पर नजूल एनओसी की बाध्यता समाप्त कर जनता को राहत दी थी। अब प्रदेश की भाजपा सरकार ने बिल्डिंग परमिशन के लिए राजस्व विभाग की नजूल शाखा से मिलने वाले अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) को खत्म कर आम जनता के हित में एक बड़ा निर्णय लिया है। नए साल में जनवरी महीने से किसी भी बड़े या छोटे मकान के नक्शे, निर्माण और ले-आउट मंजूरी के लिए नजूल की एनओसी लेना जरूरी नहीं होगा। डागा ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार माना है। उन्होंने कहा कि नजूल एनओसी नहीं मिलने के कारण महीनों तक प्रोजेक्ट और मकान नहीं रुकेंगे ।
विभाजित प्लाट के मामले में भी राहत देने की मांग
पूर्व महापौर एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डागा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इसी तरह विभाजित प्लाट के मामले का भी शीघ्र निराकरण करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि विभाजित प्लाट पर भवन निर्माण की अनुमति नहीं मिलने, लीज नहीं बढ़ने और नामांतरण नहीं होने से हजारों मध्यम वर्गीय परिवार पिछले कुछ वर्षों से परेशान है। डागा ने कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले में शीघ्र निराकरण की घोषणा कर चुके हैं। जिन विभाजित प्लाटों या भवनों की रजिस्ट्री हो चुकी है, उन्हें राहत दी जानी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री से जल्द से जल्द विभाजित प्लाट के मामले का निराकरण कर जनता को राहत देने की मांग की है।