विधानसभा चुनाव 2023 का शोर थमा, डोर-टू-डोर मेल-मुलाकात जारी
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज।
विधानसभा चुनाव 2023 का शोर थम चुका है। डोर टू डोर मेल-मुलाकात का दौर जारी है। रतलाम जिले की पाचों विधानसभा में खास नजर रतलाम ग्रामीण, सैलाना, जावरा एवं आलोट पर टिकी है। इन विधानसभाओं में त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है। जबकि रतलाम में सीधी टक्कर है। रतलाम ग्रामीण की बात करें तो भाजपा ने वर्तमान विधायक दिलीप मकवाना का टिकट काट कर 6ठीं पास 68 साल के पूर्व विधायक मथुरालाल डामर को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने बीएससी (ग्रेज्युट) पास 46 साल के युवा चेहरे लक्ष्मणसिंह डिंडोर को टिकट दिया है। इन दोनों में कड़ा मुकाबला है। दोनों पार्टी के नेता अपने-अपने उम्मीद्वार को जिताने में जी-जान से जुटे हैं।
भाजपा ने वर्ष 2008 एवं 2013 के विधानसभा चुनाव में मथुरालाल डामर को चुनाव मैदान में उतारा था। वर्ष 2008 में डामर के सामने कांग्रेस की लक्ष्मीदेवी खराड़ी थी। खराड़ी के सामने वह चुनाव हार गए थे। इसके बाद वर्ष 2013 में भाजपा ने पुन: डामर को अपना प्रत्याशी बनाया तब उन्होंने कांग्रेस की लक्ष्मीदेवी खराड़ी को हराया था। इसके बाद वर्ष 2018 में भाजपा ने डामर को टिकट नहीं देते हुए दिलीप मकवाना को अपना उम्मीद्वार बनाया था। तब डामर अपनी ही पार्टी से खफा हो गए थे और दिलीप मकवाना पर रुपए देकर टिकट लेने का आरोप लगाया था। इस कारण भाजपा संगठन ने भी नाराजगी जताई थी। फिर से डामर को टिकट तो दे दिया है लेकिन इनके खिलाफ अंदर ही अंदर कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। वर्तमान विधायक से जुड़ा खेमा भी नाराज है, चुनावी प्रचार में एक भी दिन यह खेमा नजर नहीं आया। यहां तक वर्तमान विधायक भी केवल एक या दो बार ही प्रत्याशी के साथ नजर आए।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में रतलाम जनपद के सीईओ रह चुके लक्ष्मणसिंह डिंडोर को टिकट दिया था, लेकिन ऐनवक्त पर टिकट बदल कर थावर भूरिया को दिया था। थावर भूरिया भाजपा के दिलीप मकवाना से 5605 वोट से हार गए थे। अब पुन: कांग्रेस ने डिंडोर को उम्मीद्वार बनाया है। रतलाम ग्रामीण की पूरी कांग्रेस एकजुट होकर डिंडोर के साथ खड़ी है। ग्रामीण अंचलों में इनकी पकड़ी अच्छी है। यहां तक प्रत्याशी डिंडोर के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह भी ग्रामीण में सभा ले चुके हैं। वहीं रतलाम ग्रामीण में भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी भी है। जो कि आने वाले दिनों में सामने आ सकती है। जबकि कांग्रेस में विरोध करने वाले सभी एक हो गए है। इसका फायदा कांग्रेस प्रत्याशी डिंडोर को मिल सकता है।