असीम राज पाण्डेय, रतलाम। भाजपा की एक तेजतर्रार नेत्री के पतिदेव इन दिनों किसी फिल्मी विलेन की तरह चर्चा में हैं। मामला घर का था पर चप्पल, घूंसे और घमंड सब कोर्ट के गलियारे में गूंज उठे। हुआ यूं कि पारिवारिक विवाद में नेत्री के ससुर और चाचा ससुर ने पतिदेव द्वारा दादी को जनसुनवाई में पेश कर भरण पोषण की मांग की। इधर पिता ने बेटे पर 75 लाख की लोन-धोखाधड़ी का आरोप भी पेश होकर लगाया। कोर्ट में बयानबाजी हो रही थी, लेकिन नेतागिरी की खुमारी में पतिदेव ने अपने ही पिता व चाचा को ‘संस्कारों’ के बदले लात-घूंसों का प्रसाद दे दिया। सोशल मीडिया में वीडियो वायरल हुआ। पार्टी की थू-थू हुई और संगठन की पेशानी पर बल पड़ गए। ये अंदर की बात है… कि फूलछाप पार्टी और संगठन आलाकमान अब पूछताछ की मुद्रा में है और सूत्र बता रहे हैं कि नेत्री को जल्द ही पद से छुट्टी का ‘सम्मान दिया जा सकता है। संगठन में इस समय पतिदेव से ज़्यादा चर्चा कितना शर्मिंदा करेंगी मैडम आप? पर हो रही है!
घुस के एवज में खाकी अंत तक निभाती रही ईमानदारी
महिला सुरक्षा का दावा करने वाली खाकी इस बार खुद कटघरे में है। मामला बेहद संवेदनशील नाबालिग से रेप का है। लेकिन थाने में इंसाफ से पहले ‘सुविधा शुल्क’ मिलने पर न्याय को खूंटी पर टांग दिया था। पीड़ित की मां दर-दर भटकती रही, लेकिन थाने की मैडम बीमारी की पर्ची का दिखावा करती रही। वरिष्ठ अधिकारियों तक प्रकरण पहुंचने के बाद पीड़ित मां की सुनवाई हुई तो मामले में महिला को ‘बली का बकरा’ बनाने की कोशिश हुई। मगर कानून के जानकारों की एंट्री ने सारा खेल पलट दिया। वरिष्ठ अधिकारियों के डर से आखिरकार महिला, पति और ससुर सभी पर केस दर्ज हुआ। चर्चा अब इस पर है कि अन्याय संगत मामला दर्ज करने के लिए 25 हजार की डील हुई थी। ये अंदर की बात है… कि आखिर तक खाकी ने भी पेट की तरफ झुकना नहीं छोड़ा था। मामला उजागर होने के बाद अब जनता ने इसे पकड़ लिया और थाने की मैडम चौराहों पर चाय की चुस्की के बीच चर्चा में हैं।
जनता त्रस्त और नगर सरकार गोवा टूर की तैयारी में व्यस्त
शहर की सड़कों पर गड्ढे हैं, नालों में कचरा है, बिजली लुका-छिपी खेल रही है और पानी का हाल यूं है जैसे रेगिस्तान का सपना। लेकिन नगर सरकार गोवा टूर की तैयारी में मस्त है! मानसून से पहले सुविधाओं का दावा भरकर जिम्मेदार माननीय राजस्थान की वादियों में ठंडी हवा खींच रहे थे। पहली बारिश में दावों की पोल ऐसी खुली कि शहरवासी परेशानी में डूब गए। मगर अब खबर है कि गोवा का पांच दिवसीय ‘शासकीय भ्रमण’ प्लान बन चुका है। जुलाई माह के पहले सप्ताह तैयार प्लान में न तो विकास की कोई चिंता, न ही जनता से सरोकार। नगर सरकार के माननीय टिकट, होटल और “बीच पार्टी” की तैयारियों में मशगूल हैं। सुना है, इसमें नए नवेले ऐसे जनप्रतिनिधियों को प्राथमिकता दी गई है जो माननीय की चाकरी में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। ये अंदर की बात है… कि गोवा टूर प्लान में खर्च की राशि विभागों के मंत्रियों से चंदा स्वरूप जुटाया जा रहा है। इस टूर में माननीयों ने परिवार को दूर रखा है ताकि मस्ती में कोई ‘डिस्टर्बेंस’नहीं हो।