
– 40 घंटे बाद भी आरोपी चालक गिरफ्त से बाहर
रतलाम, वंदेमातरम् न्यूज। जिले के नामली फोरलेन पर रविवार रात हुए दर्दनाक हादसे ने एक ज़िंदगी छीन ली और एक को गंभीर रूप से घायल कर दिया। लेकिन उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात है कि हिट एंड रन के इस मामले में पुलिस की सुस्त और लचर कार्यप्रणाली। 40 घंटे से भी अधिक समय बीतने के बाद भी आरोपी कार चालक पुलिस की पकड़ से बाहर है। इससे आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने मंगलवार को नामली थाने का घेराव कर अपना गुस्सा जाहिर किया।
हादसा उस वक्त हुआ जब पल्दूना गांव निवासी बबलू जायसवाल और घटवास निवासी विक्रम जाट रविवार रात करीब 10 बजे सड़क पर मृत पड़े ऊंट को देखने पहुंचे थे। तभी तेज रफ्तार कार ने दोनों को टक्कर मार दी। विक्रम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बबलू गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे वडोदरा इलाज के लिए ले जाया गया। हैरानी की बात यह है कि जिस कार से यह हादसा हुआ, वह एमपी 43 सीबी 2261 नंबर की है और रतलाम के रामगढ़ निवासी जितेंद्र पिता अशोक कुमार राठौर के नाम पर रजिस्टर्ड है। परिजनों ने पुलिस को सोमवार सुबह ही आरोपी का नाम और जानकारी सौंप दी थी, लेकिन उसके बावजूद पुलिस अब तक हाथ पर हाथ धरे बैठी है। जब परिजनों ने इसका जवाब मांगा, तो टीआई पातीराम डावरे ने बताया कि आरोपी का मोबाइल बंद है। जैसे यह कोई वैध कारण हो।
इस लचर रवैये से नाराज ग्रामीणों ने थाने का घेराव किया और कार्यवाही की मांग की। दबाव बढ़ने पर एसडीओपी किशोर पाटनवाला मौके पर पहुंचे और तीन से चार घंटे में आरोपी की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया, जिसके बाद परिजन शांत हुए। इस घटना ने एक बार फिर जिले की पुलिस तंत्र की निष्क्रियता और संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है। जब आरोपी की पहचान, वाहन नंबर और ठिकाना सभी जानकारी पुलिस के पास है, तब भी इतनी देरी कई गंभीर सवाल खड़े करती है।